शिया वक्फ बोर्ड ने 18 नवम्बर 2017 को सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि विवाद के समझौते हेतु याचिका दायर की है. शिया बोर्ड ने कहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा गलत है. शिया वक्फ बोर्ड के मुताबिक तोड़ी गई इमारत शिया मस्जिद थी.
शिया वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि से अपना दावा छोड़ते हुये बाबरी मस्जिद के स्थान पर लखनऊ में मस्जिद-ए-अमन को तामीर कराये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया है.
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इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• पांच सूत्रीय प्रस्ताव में शिया वक्फ बोर्ड ने अयोध्या के विवादित धर्मस्थल से अपना दावा वापस लेते हुए वहां राम का भव्य मंदिर बनाने की याचना की है.
• शिया वक्फ बोर्ड द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव में कहा गया है बोर्ड मानता है कि इस मसौदे से हिन्दू और मुसलमानों के बीच आपसी सद्भाव बना रहेगा. इससे अवध की गंगा-जमुनी तहजीब बहाल रहेगी.
• मंदिर-मस्जिद का विवाद समाप्त करने की दृष्टि से अयोध्या से संबंधित धार्मिक परिक्रमाओं की सीमा से बाहर लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित घण्टाघर के सामने खाली पड़ी नजूल की भूमि में से एक एकड़ जमीन शिया समाज को राज्य सरकार आवंटित कर दे.
• सुन्नी वक्फ बोर्ड पर ‘बाबरी मस्जिद पर गलत तरीके से अपना दावा’ करने का आरोप लगाया बोर्ड ने कहा कि सुन्नी बोर्ड की 22 फरवरी 1944 की अधिसूचना में उन्होंने बाबरी मस्जिद को सुन्नी वक्फ के रूप में दर्ज किया था और अदालत ने उसे अमान्य ठहरा दिया है.
• अयोध्या के रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जिसकी सुनवाई 5 दिसंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट में होगी. इस साल विवादित ढांचा गिराए जाने को 25 साल पूरे हो रहे हैं.
• प्रस्ताव के मुताबिक शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड प्रस्तावित मस्जिद का नाम मस्जिद-ए-अमन रखा जाये, ताकि पूरे देश में इस मस्जिद से आपसी भाई चारे और शांति का संदेश फैले.
• इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 30 सितंबर 2010 को एक ऐतिहासिक फैसला दिया था. अपने फैसले में कोर्ट ने तीनों पक्षों को विवादित 2.77 एकड़ की जमीन को बराबर में बांटने का आदेश दिया था.
• सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज करते हुए शिया वक्फ बोर्ड के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सितंबर 2010 में दिए गए फैसले में जो एक तिहाई जमीन दी थी वह सुन्नी वक्फ बोर्ड को नहीं बल्कि मुस्लिम पक्ष को दी थी.
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