Veerangana Seva Kendra: वीर नारियों के कल्याण और शिकायत निवारण के लिए भारतीय सेना द्वारा 'वीरांगना सेवा केंद्र' की सुविधा शुरू की गई है। सशस्त्र बलों के एक सदस्य की विधवा, जिसने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, चाहे वह युद्ध में हो या सैन्य अभियान में, वह 'वीर नारी' कहलाती है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, की "प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में एक ओर कदम उठाते हुए, भारतीय सेना ने 'टेकिंग केयर ऑफ़ आवर ओन, नो मैटर व्हाट’ के आदर्श वाक्य के साथ 'वीर नारियों' के कल्याण और शिकायत निवारण के लिए 'वीरांगना सेवा केंद्र' नाम की सुविधा शुरू की है।
वीरांगना सेवा केंद्र का उद्घाटन आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दिल्ली छावनी में भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के निदेशालय के परिसर में किया।
Indian Army with a motto of "Taking Care of Our Own, No Matter What” launched a single window facility named “Veerangana Sewa Kendra” (VSK) for welfare & grievances redressal of veer naris. It was inaugurated by President Army Wives Welfare Association yesterday at Delhi Cantt. pic.twitter.com/exHBklingE
— ANI (@ANI) November 10, 2022
कैसे काम करेगा वीरांगना सेवा केंद्र?
- वीरानागन सेवा केंद्र भारतीय सेना के वेटरन्स पोर्टल की सेवा के रूप में उपलब्ध होगा।
- प्रणाली आवेदक की ट्रैकिंग, निगरानी और नियमित फीडबैक के साथ शिकायतों के पंजीकरण को पूरा करेगी।
- वीर नारियों या परिजन के पास सहायता लेने के लिए एसएमएस, टेलीफोन, व्हाट्सएप, पोस्ट, ई-मेल और वॉक-इन के माध्यम से वीरांगना सेवा केंद्र तक पहुंचने के लिए कई साधन होंगे।
- हितधारक ग्राहक संबंध प्रबंधन सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिकायतों की स्थिति की निगरानी भी कर सकते हैं और आवेदक को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से नियमित स्थिति अपडेट प्राप्त होगी।
वीरांगना सेवा केंद्र सुविधा में क्या है खास ?
वीर नारियों को लाभार्थियों के साथ अंतर्निहित संबंध और सहानुभूति बनाए रखने के लिए वीरांगना सेवा केंद्र कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
वीरनागन सेवा केंद्र भारतीय सेना द्वारा उनकी विधवाओं और वीर नारियों और अगले परिजनों को वास्तविक देखभाल और सहायता प्रदान करने की दिशा में अपनी तरह की एक पहल है।
वीर नारी किसे कहते है?
रक्षा कर्मियों की विधवा जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना जीवन युद्ध में या सैन्य अभियान में लगा दिया है और जिनकी मृत्यु सैन्य सेवा के कारण हुई है, उन्हें 'वीर नारियों' के रूप में जाना जाता है। रक्षा की भाषा में, उन्हें अब युद्ध विधवा नहीं कहा जाता है।
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