कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सोमना हल्ली मल्लैया कृष्णा(एस.एम. कृष्ण) का 92 वर्ष की आयु में 10 दिसंबर, 2024 को बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. उम्र संबंधी बीमारियों के चलते उनका देहावसान सुबह 2:45 बजे हुआ. परिवार ने जानकारी दी कि उनका पार्थिव शरीर उसी दिन अंतिम संस्कार के लिए मड्डूर ले जाया जाएगा.
एस.एम. कृष्णाका राजनीतिक जीवन पांच दशकों से अधिक समय तक चला था, उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए लोगों की सेवा की. उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है. कर्नाटक सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.
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पीएम मोदी ने जताया शोक:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एसएम कृष्णा के निधन पर दुख जताया. उन्होंने X पर लिखा, “श्री एसएम कृष्णा जी एक असाधारण नेता थे, जिनकी जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग प्रशंसा करते थे. उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया. उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए, विशेषकर बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए याद किया जाता है. श्री एसएम कृष्णा जी एक प्रखर पाठक और विचारक भी थे.''
एस.एम. कृष्णा का राजनीतिक सफर:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री (अक्टूबर 1999 - मई 2004): उनके कार्यकाल में बेंगलुरु को "भारत की सिलिकॉन वैली" बनाने और आईटी हब के रूप में विकसित करने में बड़ी मदद मिली.
महाराष्ट्र के राज्यपाल (दिसंबर 2004 - मार्च 2008): इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक कार्यों को कुशलता से संभाला.
विदेश मंत्री (मई 2009 - अक्टूबर 2012): यूपीए सरकार के दौरान उन्होंने भारत की वैश्विक कूटनीतिक छवि को मजबूत करने में योगदान दिया.
बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से की थी पढ़ाई:
एस.एम. कृष्णा (Somanahalli Mallaiah Krishna) का जन्म 1 मई, 1932 को कर्नाटक के मंड्या जिले के सोमना हल्ली गांव में हुआ. उन्होंने बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की और फुलब्राइट छात्रवृत्ति पर अमेरिका जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त की.
1962 में उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मड्डूर से विधायक बनकर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया. करीब 50 वर्षों तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़े रहने के बाद, 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया.
पद्म विभूषण से किया गया था सम्मानित:
एस.एम. कृष्णाअपने पीछे पत्नी प्रेमा और दो बेटियां, मालविका और शांभवी, छोड़ गए हैं. उनकी असाधारण सेवा और योगदान के लिए 2023 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया.
उनके निधन से कर्नाटक और भारत ने एक ऐसे नेता को खो दिया है, जिन्होंने राजनीति, कूटनीति और प्रशासन के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया.
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Shri SM Krishna Ji was a remarkable leader, admired by people from all walks of life. He always worked tirelessly to improve the lives of others. He is fondly remembered for his tenure as Karnataka’s Chief Minister, particularly for his focus on infrastructural development. Shri… pic.twitter.com/Wkw25mReeO
— Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2024
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