थल सेनाध्यक्ष ने 28 अक्टूबर, 2020 को होने वाले आर्मी कमांडर्स सम्मेलन के मौके पर एक अद्वितीय मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट सिस्टम’ का उद्घाटन किया.
भारतीय सेना द्वारा सॉफ्टवेयर को इस एहसास के साथ शुरू किया गया है कि, सभी हितधारकों को सशक्त बनाने के लिए यह स्वचालन पारदर्शिता, दक्षता को बदलने के साथ-साथ जवाबदेही को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रबंधन के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने का कारण
भारतीय सेना के कई स्टेशनों में बुनियादी ढांचे के विकास को महत्व दिया जा रहा है जहां स्वतंत्रता-पूर्व की अवधि के पुराने आवास को बदलने के लिए प्रमुख कार्यों की योजना बनाई गई है, यह महसूस किया गया है कि यह प्रक्रिया समय लेने वाली है और इसमें कई एजेंसियां शामिल होंगी.
इसके अलावा, बुनियादी ढांचे के प्रबंधन और विकास की दिशा में अभी तक तकरीबन सभी कार्य मैन्युअल रूप से किए जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप, ज्यादा समय लगता है और कुशलता में भी कमी रह जाती है.
इस सॉफ्टवेयर को यह महत्त्वपूर्ण तथ्य ध्यान में रखकर विकसित किया गया है कि, वर्तमान समय में कई तरीकों और कारणों से डाटा का स्वचालन आवश्यक है. यह सॉफ्टवेयर न केवल बुनियादी ढांचे के प्रबंधन को अधिक कुशल बनाने में मदद करेगा बल्कि यह जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने में भी मदद करेगा.
सॉफ्टवेयर पैकेज के क्षेत्र में निम्नलिखित शामिल हैं
CFA द्वारा प्रशासन और निष्पादन की निगरानी के अनुमोदन के लिए निम्नलिखित शामिल हैं:
- रक्षा मंत्रालय द्वारा कार्य शुरू करने और सूची तैयार करने के लिए स्वचालन का अनुमोदन करना.
- योजना अवकाश, CAO पूल आवास की स्वचालित उपलब्धता, रखरखाव और पुनः आवंटन से जुड़े कार्य.
- बच्चों/ विशेष बच्चों की शिक्षा के लिए स्वीकृति को आगे बढ़ाना, शारीरिक/ युद्ध दुर्घटना के मामले में जमीन/ आवास का आवंटन करने के लिए स्वचालित स्वीकृति की व्यवस्था करना.
- छावनी सड़कों का प्रबंधन जिसमें आपातकालीन बंद भी शामिल है.
- कार्य, भूमि और क्वार्टरिंग संबंधी नीतियों को ऑनलाइन उपलब्ध कराना.
- पुराने अनुदान बंगलों, भूमि अतिक्रमण, भूमि के हस्तांतरण/ विनिमय और VIP संदर्भों की निगरानी करना.
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