भारतीय मूल की पहली अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया स्पेसक्राफ्ट का नाम

Sep 14, 2020, 17:22 IST

नॉर्थरोप ग्रुमैन, एक अमेरिकी कंपनी, ने मानव अंतरिक्ष यान के लिए कल्पना चावला के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करने के लिए अपने अगले साइग्नस कैप्सूल का नाम "एस.एस. कल्पना चावला" रखने का फैसला किया है. वे अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली भारत में जन्मी महिला थीं. 

Spacecraft named after Kalpana Chawla - first woman of Indian origin to go to space in Hindi
Spacecraft named after Kalpana Chawla - first woman of Indian origin to go to space in Hindi

अमेरिकी वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, नॉर्थरोप ग्रुमैन ने यह घोषणा की है कि, इसके अगले साइग्नस कैप्सूल का नाम मिशन विशेषज्ञ कल्पना चावला की याद में, “एस.एस. कल्पना चावला” होगा. भारतीय मूल की कल्पना चावला की मृत्यु अंतरिक्ष यान कोलंबिया में सवार अपने छह साथियों के साथ वर्ष 2003 में हुई थी.

नॉर्थरोप ग्रुमैन के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना होने वाले एक अमेरिकी वाणिज्यिक कार्गो स्पेसक्राफ्ट का नाम कल्पना चावला के नाम पर रखने का निर्णय मानव अंतरिक्ष यान में उनके महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करने के लिए लिया गया है. वे अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाली पहली भारत में जन्मी महिला थीं.

इस अमेरिकी कंपनी ने इस खबर को अपनी वेबसाइट पर भी साझा किया और यह बताया है कि पूर्व अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर एनजी -14 साइग्नस अंतरिक्ष यान का नाम रखने पर नार्थोप ग्रुम्मन को गर्व है. इसमें यह कहा गया है कि, यह कंपनी की परंपरा है कि प्रत्येक सिग्नस का नाम एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर रखे जिसने मानव अंतरिक्ष यान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो.

अमेरिकी अंतरिक्ष यान का नामकरण एस.एस. कल्पना चावला

अपने इस फैसले के बारे में सूचित करते हुए, नॉर्थरोप ग्रुमैन ने आगे यह कहा कि, कल्पना चावला को इतिहास में उनके प्रमुख स्थान को सम्मान प्रदान करने के लिए चुना गया, क्योंकि वे अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं.

इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि, जबकि कल्पना चावला ने अंतरिक्ष कार्यक्रम की सेवा में अंतिम बलिदान दिया था, उनकी विरासत अभी भी उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों और उन लोगों के माध्यम से कायम है जो उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रेरित हैं.

कोलंबिया में किए गए उनके अंतिम शोध ने अंतरिक्ष यान के दौरान अंतरिक्ष यात्री के स्वास्थ्य और सुरक्षा को समझने में हमारी काफी मदद की है.

एस.एस. कल्पना चावला" कब लॉन्च किया जायेगा?

“एस.एस. कल्पना चावला“ कैप्सूल 29 सितंबर, 2020 को वर्जीनिया में नासा के वॉलॉप्स फ्लाइट फैसिलिटी में MARS- मिड-अटलांटिक रीजनल स्पेसपोर्ट से एक नॉर्थ ग्रुम्मन एंटेर्स रॉकेट पर NG-14 मिशन पर लॉन्च किया जायेगा.

NG -14 मिशन के लिए यह सिग्नस अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष स्टेशन तक लगभग 3,629 किलोग्राम माल पहुंचाएगा. अगले दो दिन बाद इस अंतरिक्ष यान का आगमन होगा और यह अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ जाएगा.

नासा में कल्पना चावला

• कल्पना चावला ने वर्ष 1988 में नासा में अपने करियर की शुरुआत एम्स रिसर्च सेंटर, कैलिफ़ोर्निया में एक पावर्ड-लिफ्ट कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनामिक्स शोधकर्ता के तौर पर की थी. उनका काम ’ग्राउंड इफेक्ट’ में उड़ान भरने वाले विमानों द्वारा सामना किए जाने वाले जटिल वायु प्रवाह के अनुकरण पर केंद्रित था.

• कल्पना चावला ने वर्ष 1993 में ओवरसेट मेथड्स इंक में बतौर उपाध्यक्ष और वायुगतिकी में एक शोधकर्ता पद ग्रहण किया.

• अप्रैल, 1991 में एक प्राकृतिक अमेरिकी नागरिक बनने के बाद, उसने नासा के अंतरिक्ष यात्रियों की वाहिनी के लिए आवेदन किया. दिसंबर, 1994 में उन्हें चयनित किया गया और वर्ष 1995 में ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर में समूह 15 में शामिल एक अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने रिपोर्ट किया.

• कल्पना चावला को नवंबर, 1996 में स्पेस शटल कोलंबिया में, STS - 87 में एक मिशन विशेषज्ञ के तौर पर नियुक्त किया गया और वे अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बन गई.

• उनका दूसरा स्पेसफ्लाइट अनुभव वर्ष, 2001 में आया था जब उन्हें STS -107 के चालक दल के लिए चुना गया था. यह उड़ान लगभग अनुसंधान और विज्ञान के लिए समर्पित थी जिसके तहत लगभग 80 प्रयोग पूरे किये गये.

कल्पना चावला के बारे में

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था. उन्होंने वर्ष 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से वैमानिकी इंजीनियरिंग में विज्ञान विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की थी.

अपनी स्नातक शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए वह संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं और वर्ष 1984 में उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की. उन्होंने वर्ष 1988 में कोलोराडो में विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की.

कल्पना चावला के पास एकल और बहु-इंजन हवाई जहाज, ग्लाइडर और सी-प्लेन के लिए वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस भी था. वे एक प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक भी थी.

वर्ष 2003 में STS-107 मिशन के दौरान उनकी जान चली गई, जब अंतरिक्ष यान कोलंबिया पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

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