खेल मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय खेल संहिता 2017 के विवादास्पद मसौदे की समीक्षा हेतु विशेषज्ञों की 13 सदस्यीय समिति गठित की है. इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस मुकुंदकम शर्मा करेंगे. विशेषज्ञ समिति के कुछ प्रमुख सदस्यों में पुलेला गोपीचंद, अंजू बॉबी जॉर्ज, गगन नारंग और बाइचुंग भूटिया शामिल हैं.
इस समिति में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. आईओए ने इस मसौदे को मौजूदा रूप में लागू करने से इनकार कर दिया था क्योंकि वे खेल प्रशासकों पर उम्र और कार्यकाल संबंधित सीमा लगाना चाहता है.
उद्देश्य
खेल मंत्रालय की जारी अधिसूचना के मुताबिक, समिति पारदर्शिता एवं स्वायत्तता की जरूरत हेतु एनएसएफ (राष्ट्रीय खेल महासंघों) की स्वायत्तता के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगी. यह सरकार और सभी हितधारकों को उसी पृष्ठ पर लाने में भी सहायता करेगा जहां तक कोड का संबंध है.
विशेषज्ञों की 13 सदस्यीय समिति
क्रम संख्या | नाम |
1. | समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस मुकुंदकम शर्मा |
2. | अजय सिंह (बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) |
3. | सुधांशु मित्तल (खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया) |
4. | एडिले सुमरीवाला (एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) |
5. | बीपी बैश्य (वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) |
6. | भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक या उनका प्रतिनिधि |
7. | संयुक्त सचिव (खेल) |
8. | डॉ ए. जयतिलक (प्रमुख सचिव) |
9. | शूटर गगन नारंग |
10. | पूर्व फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया |
11. | राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद |
12. | कांस्य पदक (लंबी कूद) विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज |
13. | भारतीय ओलंपिक संघ प्रतिनिधि |
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विशेषज्ञ समिति: खास बातें
इस मसौदे में साल 2011 में लाई गई संहिता की तुलना में भारी बदलाव का प्रस्ताव किया गया है. इस समिति का गठन वर्तमान 'खेल संहिता' को सभी पक्षों हेतु स्वीकार्य बनाने के लिए सुझाव मंगवाने के लिए किया गया है.
नए मसौदे में मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के अतिरिक्त सरकारी सेवकों की आईओए तथा एनएसएफ में नियुक्ति पर रोक से लेकर कार्यकाल का प्रतिबंध एवं सत्तर साल की आयुसीमा का बंधन भी शामिल है.
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