दुनिया के सबसे बड़े विमान ने पहली बार उड़ान भरी, जानें इसकी खासियत

Apr 15, 2019, 14:48 IST

इस विमान का निर्माण अंतरिक्ष में रॉकेट ले जाने और उसे वहां छोड़ने के लिए किया गया है. स्ट्रैटोलॉन्च नामक दुनिया के सबसे विशाल विमान ने पहली बार उड़ान भरी और इस तरह से यह अंतरिक्ष में रॉकेट ले जाने वाला पहला विशाल विमान बन गया.

The World's largest Aircraft just flew for the first time
The World's largest Aircraft just flew for the first time

दुनिया के सबसे बड़े विमान ने 13 अप्रैल 2019 को कैलिफोर्निया में परीक्षण के लिए पहली बार उड़ान भरी. इसका परीक्षण करीब ढाई घंटे तक मोजावे रेगिस्तान के ऊपर किया गया.

इस विमान का निर्माण अंतरिक्ष में रॉकेट ले जाने और उसे वहां छोड़ने के लिए किया गया है. स्ट्रैटोलॉन्च नामक दुनिया के सबसे विशाल विमान ने पहली बार उड़ान भरी और इस तरह से यह अंतरिक्ष में रॉकेट ले जाने वाला पहला विशाल विमान बन गया.

इस विमान को स्ट्रेटोलॉन्च नामक कंपनी ने बनाया है. इस कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ़्टवेयर निर्माता कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ़्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन ने साल 2011 में बनाया था.

उद्देश्य:

इस विमान को वास्तव में सेटेलाइट के लॉन्च पैड के रूप में तैयार किया गया है. इस विमान का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में सेटेलाइट को छोड़ने से पहले 10 किलोमीटर तक उड़ना है.

विमान की खासियत:

•   इस विमान में दो एयरक्राफ़्ट बॉडी हैं जो आपस में जुड़ी हैं. इसमें छह बोइंग 747 इंजन लगे हैं. यह विमान अपनी पहली उड़ान में 15 हज़ार फ़ुट की ऊंचाई तक गया और इसकी अधिकतम गति 170 मील प्रति घंटा रही. विमान के पंखो की लंबाई करीब 385 फीट है.

•   इस विमान में 28 पहिए लगे हैं. यह विमान कार्बन फाइबर से बना है. इस विमान की ऊंचाई पचास फीट है. यह विमान होवर्ड ह्यूजेस के H-4 हर्क्युलिस और सोवियन दौर के कार्गो प्लेन एन्टोनोव एन-225 से भी बड़ा है. इसका वजन लगभग सवा दो लाख किलो है.

•   यह विमान 1.3 मिलियन पाउंड तक वजन के साथ उड़ान भर सकता है. इस विमान की अधिकतम ईंधन क्षमता 1.3 मिलियन पाउंड है. इस विमान की खासियत है कि इससे 35 हजार फीट की ऊंचाई पर रॉकेट लॉन्च किए जा सकते हैं.

उपग्रह छोड़ने का खर्च कम होगा

यह विमान रॉकेट और उपग्रहों को अंतरिक्ष में उनकी कक्षा तक पहुंचाने में मदद करेगा. मौजूदा समय में टेकऑफ रॉकेट की मदद से उपग्रहों को कक्षा में भेजा जाता है. अगर यह योजना सफल रही तो उपग्रहों को कक्षा तक पहुंचाने के लिए विमान बेहतर विकल्प होगा और उपग्रह छोड़ने का खर्च भी कम हो जाएगा.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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