भारत सरकार द्वारा पहली राष्ट्रीय 'टाइम रिलीज स्टडी’ की घोषणा, जानिए इसके बारे में सबकुछ

Aug 2, 2019, 17:00 IST

इसका मुख्य लक्ष्य व्‍यापार प्रवाह में मौजूद बाधाओं की पहचान करना तथा उन्‍हें दूर करना है. व्‍यापार नियंत्रण से कोई भी समझौता किए बगैर सीमा संबंधी प्रक्रियाओं की प्रभावकारिता तथा दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्‍यक नीतिगत एवं क्रियाशील उपाय करना है.

National Time Release Study
National Time Release Study

विदेश व्यापार और माल आवागमन से जुड़ी बाधाओं की पहचान हेतु वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग देश की पहली राष्ट्रीय ‘टाइम रिलीज स्टडी’ (टीआरएस) करा रहा है. इसका अध्ययन देश के 15 बंदरगाहों तथा हवाईअड्डों पर किया जा रहा है.

वित्‍त मंत्रालय का राजस्‍व विभाग वैश्विक व्‍यापार बढ़ाने की अपनी रणनीतिक प्रतिबद्धता के अंतगर्त 01 अगस्‍त से 07 अगस्‍त के बीच भारत का प्रथम राष्‍ट्रीय ‘टाइम रिलीज स्‍टडी’ (टीआरएस) कराएगा. इसके बाद से प्रत्येक साल इसी अवधि के दौरान इस कवायद को संस्‍थागत रूप प्रदान किया जाएगा.

‘टाइम रिलीज स्‍टडी’ (टीआरएस)

टाइम रिलीज स्‍टडी (टीआरएस) दरअसल अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर मान्‍यता प्राप्‍त एक साधन (टूल) है. इसका उपयोग अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार के प्रवाह की दक्षता एवं प्रभावकारिता मापने के लिए किया जाता है. इसकी वकालत विश्‍व सीमा शुल्‍क संगठन ने की है.

इससे पहले व्‍यक्तिगत सीमा शुल्‍क संगठन बंदरगाह स्‍तर पर स्‍वतंत्र रूप से ‘टीआरएस’ अर्थात ‘कार्गो जारी करने के समय से जुड़े अध्‍ययन’ करते रहे थे. राष्‍ट्रीय स्‍तर पर किए जाने वाले टीआरएस ने इसे एक कदम और आगे बढ़ा दिया है तथा एकसमान एवं बहुआयामी क्रिया विधि विकसित की है.

उद्देश्य:

इसका मुख्य लक्ष्य व्‍यापार प्रवाह में मौजूद बाधाओं की पहचान करना तथा उन्‍हें दूर करना है. व्‍यापार नियंत्रण से कोई भी समझौता किए बगैर सीमा संबंधी प्रक्रियाओं की प्रभावकारिता तथा दक्षता बढ़ाने के लिए आवश्‍यक नीतिगत एवं क्रियाशील उपाय करना है.

फायदा:

इस पहल से निर्यात उन्‍मुख उद्योग और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) का फायदा होगा. इससे उन्हें अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के समतुल्य भारतीय प्रक्रियाओं को उन्नत बनाने का लाभ मिलेगा. इस पहल से देश को कारोबार सुगमता सूचकांक में विशेषकर सीमा पार व्‍यापार संकेतक मामले में अपनी बढ़त को बनाये रखने में मदद मिलेगी.

मुख्य बिंदु:

• कारोबार सुगमता सूचकांक साल 2018 में शामिल विदेश व्यापार प्रक्रिया सुगमता संकेतक में भारत की रैकिंग 146वीं से सुधरकर 80वें स्थान पर पहुंच गई है.

• टीआरएस के निष्‍कर्षों के आधार पर सीमा पार व्‍यापार से जुड़ी सरकारी एजेंसियां उन मौजूदा तथा सभावित बाधाओं को पहचानने में समर्थ हो जाएंगी जो व्‍यापार के मुक्‍त प्रवाह के मार्ग में अवरोध साबित होती हैं.

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• गवर्नेंस से जुड़ी इस पहल के जरिये कार्गो यानी माल के आगमन से लेकर इसे भौतिक रूप से जारी करने तक वस्‍तुओं की मंजूरी के मार्ग में मौजूद नियम आधारित और प्रक्रियागत बाधाओं को मापा जाएगा.

• यह अध्‍ययन एक ही समय में पंद्रह बंदरगाहों पर कराया जाएगा जिनमें समुद्री, हवाई, भूमि एवं शुष्‍क बंदरगाह शामिल हैं.

• राष्‍ट्रीय स्‍तर वाला टीआरएस आधारभूत प्रदर्शन माप को स्‍थापित करेगा और इसके तहत सभी बंदरगाहों पर मानकीकृत परिचालन एवं प्रक्रियाएं होंगी.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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