राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 29 मार्च 2017 को प्रोफेसर सुनैना सिंह को बिहार स्थित नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है.
राष्ट्रपति ने सुनैना के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति के पास इस पैनल में कुल तीन नाम भेजे गए थे. प्रोफेसर सुनैना सिंह वर्तमान में हैदराबाद की 'इंग्लिश एंड फौरन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी' (इएफएलयू) की कुलपति हैं. प्रोफेसर सुनैना सिंह कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष होगी.
नालंदा विश्वविद्यालय की मीडिया प्रभारी स्मिता पोलाईट ने आईएएनएस को बताया कि प्रोफेसर सुनैना की नियुक्ति की जानकारी केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार पी़ क़े चंद्रमूर्ति को दी गई.
विश्विद्यालय की पहली कुलपति गोपा सब्बरवाल की सेवानिवृत्ति के बाद से यह पद खाली है. वर्तमान समय में प्रोफेसर पंकज मोहन प्रभारी कुलपति के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे.
बिहार के राजगीर स्थित नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति पंकज मोहन ने दो छात्रों के खिलाफ अपनी सहपाठी छात्राओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आरोपी छात्रों के खिलाफ कारवाई करने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया था तथा धरने पर बैठे थे. इसके बाद पंकज मोहन ने इस मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में:
नालंदा विश्वविद्यालय को पुन: अस्तित्व में लाने का विचार वर्ष 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा रखा गया था. यह विश्वविद्यालय बिहार में स्थित प्राचीन स्थल के अवशेषों पर उसी नाम से बनाया जा रहा है तथा पूर्व-एशिया सम्मेलन के कई सदस्य देश इस परियोजना में शामिल हैं.
केंद्र सरकार ने फिलीपीन्स में जनवरी, 2007 में दूसरे पूर्व एशिया सम्मेलन तथा बाद में थाइलैंड में चौथे पूर्व एशिया सम्मेलन में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु किए गए निर्णयों को लागू करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 बनाया गया.
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