भारतीय सेना ने उरी हमले के जवाब में 28 सितंबर 2016 रात को पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन किया. भारतीय सेना द्वारा यह ऑपरेशन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी कैंप को निशाना बनाते हुए किया गया था.
डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रनवीर सिंह ने अधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा, “भारत ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार करके सर्जिकल स्ट्राइक की है.”
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पुख्ता जानकारी प्राप्त होने के बाद ही लाइन ऑफ कंट्रोल के पार जाकर आतंकवादी ठिकाने पर हमला किया. भारतीय सेना द्वारा सात आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया तथा सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया. इसके लिए भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में दो किलोमीटर अंदर घुसकर यह ऑपरेशन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के लिए मंजूरी प्रदान की गयी थी.
सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी ने केन्द्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति तथा मौजूदा हालात पर चर्चा की जाएगी.
सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन
• भारतीय सेना के 25 पैरा मिलिट्री कमांडो इस अभियान में शामिल थे, उन्होंने एलओसी पार करके यह ऑपरेशन सफल बनाया.
• इस अभियान में वायु सेना की मदद नहीं ली गयी. सेना के जवानों को केवल हेलिकॉप्टर द्वारा सीमा तक पहुंचाया गया.
• देर रात 12.30 पर आरंभ हुए इस स्ट्राइक ऑपरेशन में 38 आतंकवादी मारे गये. यह चार घंटे तक चला.
• पाकिस्तान इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन्स के अनुसार पाकिस्तान के केल, लिपा, हॉटस्प्रिंग तथा भिम्बर सेक्टरों में यह ऑपरेशन किया गया.
सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन क्या है?
सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन किसी विशेष क्षेत्र को निशाना बनाकर किया जाने वाला हमला होता है. इसमें आसपास के क्षेत्र में कम से कम नुकसान होने तथा केवल टारगेट को ही निशाना बनाये जाने पर ध्यान दिया जाता है. इस प्रकार के हमले से टारगेट को निष्क्रिय करके बड़े हमले से भी बचा जा सकता है. भारत द्वारा इस प्रकार के सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन से लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पार आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया जाता है तथा बड़े टकराव से बचा जाता है.
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