केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2018 को वर्ष 2018-19 का आम बजट (Union Budget) लोकसभा में पेश किया. भाजपा की नेतृत्व वाली वर्तमान ‘एनडीए’ सरकार का यह चौथा आम बजट है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं किया है. छूट की सीमा पहले की तरह 2.5 लाख रुपए रखा है.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी कई अहम बदलाव किए गए है. मेडीक्लेम में 50 हजार रुपए तक की छूट दी गई है. जेटली ने यह भी बताया कि नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में कोई छूट नहीं दी गयी. वहीं जेटली ने बताया कि इस वर्ष प्रत्यक्ष टैक्स 12.6 प्रतिशत बढ़ा. टैक्स का बजट पेश करने के बाद शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गयी.
वित्त मंत्री द्वरा घोषित किये गये टैक्स से सम्बंधित तथ्य निम्नलिखित हैं:
- व्यक्तिगत आयकर ढांचे में कोई बदलाव नहीं.
- सीनियर सिटीजन्स को जमा राशि पर ब्याज आय में 50 हज़ार तक की छूट मिलेगी.
- खेती से जुड़ी कंपनी को ग्रीन्स मिशन के तहत 100% टैक्स से छूट
- 99% MSME कम्पनियों को 25% टैक्स दायरे में लाया गया
- सुदृढ़ साख वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को बाजार पूँजी जुटाने की अनुमति.
- 250 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कम्पनियों को 30% टैक्स स्लैब में रखा गया
- इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर आरंभ किया जायेगा
- 2016-17 में 85.51 लाख नए करदाता जुड़े.
- 15 जनवरी 2018 तक प्रत्यक्ष कर वृद्धि दर 18.7% दर्ज की गई.
- बिटकॉइन जैसी करेंसी नहीं चलेगी. क्रिप्टो करेंसी गैरकानूनी है.
- 40 हजार रुपए तक स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा
- डिपॉजिट पर मिलने वाली छूट 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई
- राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपए महीने हो जाएगी.
- राज्यपाल की सैलरी 3.5 लाख और उपराष्ट्रपति की सैलरी 4 लाख रुपए महीने हो जाएगी.
- सांसदों के भत्तों में हर पांच वर्ष में समीक्षा की जाएगी
- नौकरीपेशा को टैक्स में कोई छूट नहीं
- वरिष्ठ नागरिकों को 50 हजार तक के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं.
- दो बीमा कंपनियों सहित 14 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार से जुड़ेंगी.
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