भारतीय उपन्यासकार अमिताव घोष द्वारा लिखित द ग्रेट डीरेंजमेंट: क्लाइमेट चेंज एंड द अनथिंकेबल का 12 जुलाई 2016 को लोकार्पण किया गया.
यह पुस्तक साहित्यिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन को लिखे जाने की कठिनाईयों पर प्रकाश डालती है तथा लेखकों की मनुष्यों द्वारा व्यक्त किये जा रही परेशानियों के प्रति जवाबदेही को तय करती है.
घोष के अनुसार कार्बन अर्थव्यवस्था का इतिहास विरोधाभासों एवं विभिन्न विचारों से भरा पड़ा है तथा या एक पेचीदा वैश्विक मसला है.
घोष पुस्तक के अंत में यह सुझाव देते हैं की राजनीति भी साहित्य की तरह है जिसमें सामूहिक कारवाई की तुलना में व्यक्तिगत प्रभाव अधिक दिखता है. पुस्तक में लेखक लेखक आज के समय के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
अमिताव घोष
अमिताव घोष प्रसिद्ध लेखक एवं उपन्यासकार हैं. उनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में द सर्किल ऑफ़ रीज़न, द शैडो लाइन्स, इन अन एंटीक लैंड, डांसिंग इन कंबोडिया, द कलकत्ता क्रोमोसोम, द ग्लास पैलेस, द हंगरी टाइड एवं अन्य कई पुस्तकें शामिल हैं.
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