UNESCO GNLC list: भारत के तीन शहर यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज में शामिल हो गए हैं. केरल के दो शहर त्रिशूर और नीलांबुर और तेलंगाना का शहर वारंगल को यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज में शामिल किया गया है. भारत सहित विश्व के 44 देशों के 77 शहरों को वर्ष 2022 में इस सूची में शामिल किया गया है. इन शहरों का समावेशन अन्य शहरों के साथ विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और इन शहरों में पहले से लागू व्यवस्थाओं के तरीकों को आपस में साझा करेंगे.
भारत के ये शहर विश्व के विकसित शहर जैसे ब्रिस्टल,डबलिन, बीजिंग, शंघाई, हैम्बर्ग, एथेंस, इंचियोन के साथ शामिल हो गया है. यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज की इस सूची में इस बार यूक्रेन की राजधानी कीव, दक्षिण अफ्रीका का शहर डर्बन, और यूएई के शहर शारजाह को शामिल किया गया है.
Thrissur, the cultural capital of Kerala joins UNESCO Global Network of Learning Cities. https://t.co/Hl7eBotEqf@VishalVSharma7 pic.twitter.com/vecqWzeu0e
— India at UNESCO (@IndiaatUNESCO) September 5, 2022
पहली बार शामिल हुए भारतीय शहर:
भारतीय शहर नीलांबुर और त्रिशूर और वारंगल, यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ़ लर्निंग सिटीज़ में शामिल होने वाले देश के पहले तीन शहर है. हाल के समय में तेलंगाना के लिए यह यूनेस्को की दूसरी मान्यता है. इससे पहले मुलुगु जिले का रामप्पा मंदिर, विश्व धरोहर स्थलों की यूनेस्को सूची में शामिल हुआ था.
1. नीलांबुर (Nilambur): नीलांबुर केरल का एक प्रसिद्ध इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन है. इस शहर में ग्रामीण और शहरी रहन-सहन का एक मिश्रित रूप देखा जा सकता है. यहाँ की अधिकांश आबादी कृषि और संबद्ध उद्योगों पर निर्भर करती है. नीलांबुर के इस सूची में शामिल होने के बाद, सामुदायिक स्वामित्व के माध्यम से सतत विकास, लैंगिक समानता, समावेशिता को और बढ़ावा मिलेगा. साथ ही शहर में इसकी मदद से रोजगार के अवसर और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (SDG) के लक्ष्यों को हासिल करना है.
2. त्रिशूर (Thrissur): त्रिशूर को केरल की सांस्कृतिक राजधानी है. जो शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है. यह विशेष रूप से स्वर्ण कला और आभूषण उद्योग के रूप में भी जाना जाता है. यूनेस्को की इस सूची में शामिल होने से त्रिशूर बौद्धिक, शैक्षणिक और अपनी आभूषण कलाओं से विश्व जगत को लाभ पहुंचाएगा और खुद भी सांस्कृतिक समावेशन से लाभान्वित होगा. साथ ही सभी लोगों के लिए डिजिटल लर्निंग इकोसिस्टम विकसित करने में करेगा.
3. वारंगल (Warangal): वारंगल, तेलंगाना का एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला शहर है. यह राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहाँ प्रतिवर्ष 32 लाख से अधिक पर्यटक आते है. वारंगल की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और औद्योगिक केन्द्रों पर निर्भर करती है. यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ़ लर्निंग सिटीज़ में शामिल होने के बाद इस शहर के विकास में और तेजी आएगी.
यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ़ लर्निंग सिटीज़:
यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ़ लर्निंग सिटीज़ (GNLC) एक अंतर्राष्ट्रीय नीति आधारित नेटवर्क है. जिसे 2013 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य विकास के सभी चरणों में सीखने वाले शहरों को अन्य शहरों के साथ विचारों और कलाओं को साझा करके उनका भी विकास सुनिश्चित करना है. साथ ही शहरों के बीच नीति संवाद और सहयोग का समर्थन और सुधार करना है. अब तक इस सूची में 76 देशों के 294 शहर शामिल है.
यह नेटवर्क सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की उपलब्धियों का समर्थन करता है और विशेष रूप से यह SDG 4 ('समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना और सभी के लिए आजीवन सीखने के अवसरों को बढ़ावा) और SDG 11 ('शहरों और मानव आवासों को टिकाऊ, समावेशी, सुरक्षित बनाना) का समर्थन करता है.
लर्निंग सिटी (learning city) क्या है?
लर्निंग सिटी सभी के लिए निरंतर और आजीवन सीखने को बढ़ावा देता है. यूनेस्को लर्निंग सिटी (learning city) को एक ऐसे शहर के रूप में परिभाषित करता है जो:
- बुनियादी से उच्च शिक्षा तक समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर क्षेत्र में अपने संसाधनों को प्रभावी ढंग से एकत्र करता है.
- सभी परिवारों और समुदायों में सीखने के लिए प्रेरित करता है.
- कार्यस्थल में और उसके लिए सीखने की सुविधा प्रदान करता है.
- आधुनिक शिक्षण प्रौद्योगिकियों के उपयोग का विस्तार करता है.
- सीखने में गुणवत्ता और उत्कृष्टता को बढ़ावा डेटा है.
- जीवन भर सीखने की संस्कृति का विकास करता है.
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