जागरण जोश पूरे सप्ताह से चुनिंदा एवं महत्वपूर्ण टॉप-10 साप्ताहिक करेंट अफेयर्स घटनाक्रम प्रस्तुत कर रहा है. इसमें मुख्य रूप से–जलवायु परिवर्तन और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
1.रूस के सबसे ठंडे शहर साइबेरिया के जंगल में लगी आग, जानिये क्या हैं इसके कारण!
विशेषज्ञों का यह कहना है कि, साइबेरियाई गणराज्य सखा, जिसे याकूतिया भी कहा जाता है, में जलवायु परिवर्तन के कारण इन दिनों भीषण आग लगी है. क्षेत्रीय अधिकारियों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि जून, 2021 में इस क्षेत्र में औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया जो इस क्षेत्र के औसत तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
ऐतिहासिक रूप से, जंगल की आग का मौसम मई और अक्टूबर के बीच होता है, जब स्थितियां बेहद गर्म, शुष्क और आर्द्र हो जाती हैं. विश्व के ज्यादातर जंगलों में आग गर्मियों के दौरान ही लगती है लेकिन, जलवायु परिवर्तन, गर्मी की लहरों और सूखे ने जंगल की आग की घटनाओं और अवधि को काफी बढ़ा दिया है.
2.तिब्बती ग्लेशियरों के पिघलने पर मिले 15,000 साल पुराने वायरस
इस अध्ययन के निष्कर्ष एक विज्ञान पत्रिका - माइक्रोबायोम में प्रकाशित हुए थे. वैज्ञानिकों ने कथित तौर पर बर्फ में पाए गये किसी भी वायरस को दूषित किए बिना, उसका विश्लेषण करने का एक नया तरीका विकसित किया है.
इस अध्ययन के दौरान, शोधकर्ताओं ने आइस कैप्स में 33 वायरस के लिए आनुवंशिक कोड की खोज की, जिनमें से चार को वैज्ञानिक समुदाय द्वारा पहले ही पहचाना जा चुका है. हालांकि, लगभग 28 वायरस नोवल/ नये वायरस हैं.
3.सितंबर-अक्टूबर में आ सकती है कोविड-19 की तीसरी लहर: AIIMS डायरेक्टर
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर पूरे देश में चिंता है. वहीं कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सावधान किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन, सावधानी, सोशल डिस्टेसिंग, मास्क और वैक्सीनेशन के जरिए इससे बचा जा सकता है.
सीरो सर्वे के मुताबिक भारत के 50 प्रतिशत बच्चों में पाई गई एंटीबॉडीज़ को लेकर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा था कि तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी क्योंकि वह अतिसंवेदनशील हैं और उनके लिए अभी कोई वैक्सीन भी नहीं है. ऐसे में मामलों के बढ़ने पर उनपर खतरा बढ़ जाएगा क्योंकि वयस्कों का टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है.
4.DRDO ने नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जानें-खासियत
आकाश मिसाइल का ओडिशा के तट से एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. मिसाइल ने डायरेक्ट अटैक मोड में टारगेट को मारा और इसे नष्ट कर दिया. इसके साथ ही डीआरडीओ ने कहा कि मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया.
यह मिसाइल 60 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है. आकाश मिसाइल पूरी तरह से गतिशील है और वाहनों के चलते काफिले की रक्षा करने में सक्षम है. इस मिसाइल के लॉन्च प्लेटफार्म को दोनों पहियों और ट्रक वाहनों के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि आकाश सिस्टम को मुख्य रूप से एक हवाई रक्षा (सतह से हवा) के रूप में बनाया गया है.
5.भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट IOC करेगा मथुरा रिफाइनरी में स्थापित
इस कदम का उद्देश्य भविष्य में तेल और ऊर्जा के स्वच्छ रूपों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार करना है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन, और स्टोरेज टेक्नोलॉजी-स्पेस पर अनुसंधान को आगे बढ़ा रहा है, जहां वह अपने पेरिस जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैश्विक सहयोग का प्रयास कर रहा है.
मथुरा स्थित संयंत्र भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट (हरित हाइड्रोजन संयंत्र) होगा. IOC के अध्यक्ष ने यह बताया कि, उनकी कंपनी की राजस्थान में एक पवन ऊर्जा परियोजना है. इस ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के लिए मथुरा रिफाइनरी को टीटीजेड (ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन) से इसकी निकटता के आधार पर चुना गया है.
6.ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में होगा 2032 का ओलंपिक, जानें विस्तार से
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर को वोटिंग के बाद 2032 ओलंपिक खेलों का आधिकारिक मेजबान घोषित किया गया. टोक्यो ओलंपिक के बाद साल 2024 में ओलंपिक खेल पेरिस में और 2028 में लॉस एंजिल्स में आयोजित होंगे. ब्रिस्बेन को आधिकारिक तौर पर मेजबान घोषित किए जाने के बाद वहां आतिशबाजी की गई.
ऑस्ट्रेलिया, इससे पहले ही दो बार ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है. इसी के साथ ही ऑस्ट्रेलिया अमेरिका के बाद दूसरा देश बन गया है जिसके तीन अलग-अलग शहरों ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी की है. ऑस्ट्रेलिया का सिडनी और मेलबर्न में ओलंपिक खेलों का आयोजन हो चुका है.
7.मिजोरम-असम सीमा विवाद के बारे में यहां पढ़ें सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी
बिना किसी पूर्व सूचना के, 10 जुलाई, 2021 को असम से बुआर्चेप तक एक सड़क का निर्माण किया गया और पुलिस के सहयोग से असम के अधिकारियों ने मिजो जनजाति के लोगों की फसलों को नष्ट कर दिया. इसके अलावा, नुकसान का विरोध कर रहे आदिवासी लोगों को असम पुलिस कर्मियों ने जबरन बाहर कर दिया.
मिजोरम का ऐसा मानना है कि, यह सीमांकन वर्ष, 1875 की अधिसूचना पर आधारित होना चाहिए. मिजो नेताओं के अनुसार, वर्ष, 1933 में मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी. इसलिए वे वर्ष, 1933 की अधिसूचना के खिलाफ हैं. इसके विपरीत, असम सरकार वर्ष, 1933 की अधिसूचना का पालन करती है.
8.राजस्थान सरकार ने ‘मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना’ का शुभारंभ किया
किसान मित्र योजना के तहत सरकार की तरफ से राजस्थान के हर किसान परिवार को बिजली के बिल पर एक हजार रुपये प्रतिमाह अनुदान दिया जाएगा. खास बात है कि यह अनुदान सीधे किसानों के बैंक खाते में आएगा. इस योजना का लाभ इसी साल मई से आए बिजली के बिलों पर लागू होगा.
ख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना’ के शुभारंभ तथा अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील रही है.
9.जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का नाम बदला, जानें क्या रखा गया
इससे पूर्व जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद हाईकोर्ट का नाम केंद्र शासित जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख हाई कोर्ट कर दिया गया था. यह नाम काफी बोझिल हो गया था. इसी वजह से इस नाम में बदलाव का प्रस्ताव आया था. अधिसूचना के मुताबिक अब यह नाम सरल होने के साथ-साथ अन्य राज्यों के हाई कोर्ट के नाम के अनुरूप है.
मंत्रालय ने इससे पूर्व जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपालों और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से प्रस्ताव पर विचार मांगे थे. दोनों केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल ने पिछले साल अक्टूबर माह में ही इस पर सहमति जता दी थी. उसके बाद हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायधीश ने भी 21 नवंबर 2020 को इस प्रस्ताव पर अपनी अनापत्ति दे दी थी.
10.नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने जीता विश्वास मत, जानें कितने सांसदों का मिला समर्थन
देउबा को नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और एक माह में विश्वास मत साबित करने को कहा था. 83 सांसदों ने नवगठित सरकार के विरोध में मतदान किया. इस तरह सरकार ने आसानी से संसद में अपना बहुमत साबित कर दिया. संसद की प्रतिनिधि सभा में 275 सदस्य हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देउबा को विश्वास मत हासिल करने पर बधाई दी है.
देउबा ने 13 जुलाई को रिकार्ड पांचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इससे एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पांच माह के भीतर दूसरी बार संसद को बहाल करने का आदेश दिया था.
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