टॉप कैबिनेट मंजूरी: 16 जनवरी
भारत और मालदीव के बीच वीजा प्रबंधों की सुविधा से संबंधित समझौते को मंत्रिमंडल ने पूर्वव्यापी मंजूरी दी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मालदीव के बीच दिसंबर 2018 में हस्ताक्षरित वीजा प्रबंधों की सुविधा से संबंधित समझौते को पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है. वीजा प्रबंधों की सुविधा से संबंधित समझौते पर मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे.
• इस समझौते का उद्देश्य भारत और मालदीव के बीच जनता के आपसी संपर्क को और मजबूत बनाना है. इससे दोनों देशों के नागरिकों के लिए पर्यटन, इलाज, शिक्षा के साथ ही साथ कारोबार और रोजगार के उद्देश्य से एक दूसरे के यहां आना-जाना आसान हो जाएगा.
• यह समझौता पर्यटन, इलाज और सीमित कारोबारी उद्देश्य से 90 दिन की वीजा मुक्त यात्रा का प्रावधान करता है और इस प्रकार के वीजा मुक्त प्रवेश को आसानी से मेडिकल वीजा साथ ही साथ छात्रों के आश्रितों और एक दूसरे के क्षेत्र में रोजगार पाने की कोशिश करने वालों के वीजा में आसानी से परिवर्तित करने का भी प्रावधान करता है.
• भारत और मालदीव के बीच समय की कसौटी पर खरे उतरे और परंपरागत मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. भारत और मालदीव की जनता के बीच करीबी रिश्ते दोनों देशों के बीच विशेष द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद तैयार करते हैं.
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खान, परीक्षण और अनुसंधान केंद्र की सुरक्षा के बारे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर को मंत्रिमंडल की मंजूरी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खान, परीक्षण और अनुसंधान केंद्र में सुरक्षा (एसआईएमटीएआरएस) के जरिए महानिदेशक, खान सुरक्षा (डीजीएमएस), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार और प्राकृतिक संसाधन खान एवं ऊर्जा विभाग, क्वीन्सलैंड प्रशासन, ऑस्ट्रेलिया के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी.
• सहमति पत्र से डीजीएमएस और एसआईएमटीएआरएस के बीच साझेदारी कायम करने में मदद मिलेगी. यह सहमति पत्र हस्ताक्षर वाली तिथि से ही क्रियाशील हो जाएगा और तीन वर्ष तक प्रभावी रहेगा.
• ऑस्ट्रेलिया में खान दुर्घटनाओं की दर विश्व में सबसे कम है. ऑस्ट्रेलिया जोखिमों की पहचान और खतरे के आकलन की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए खान क्षेत्र के लिए जोखिम आधारित सुरक्षा प्रबंधन योजनाओं की संकल्पना और कार्यान्वयन के क्षेत्र में अग्रणी है. एसआईएमटीएआरएस खान सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली में विशिष्ट प्रकार की विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध है.
कैबिनेट ने बिजली उत्पादन क्षेत्र की चार केंद्रीय कंपनियों के अधिकारियों के नये वेतनमानों को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मत्रिमंडल ने बिजली उत्पादन क्षेत्र की चार केंद्रीय कंपनियों के अधिकारियों के नये वेतनमानों को मंजूरी दी है. लिमिटेड (एनएचपीसी), नॉर्थ ईस्ट इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनईईपीसीओ), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (पूर्ववतीर् टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन) के बोर्ड स्तर के अधिकारियों से नीचे वाले अधिकारियों के नये वेतनमानों के नियमन को मंजूरी दी है.
• इस मंजूरी से विद्युत मंत्रालय के आदेशों के अनुसरण हाइड्रो क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों द्वारा लागू किए गए वेतनमानों को नियमित किया जाएगा. वेतनमानों के नियमन के लिए लगभग 323 करोड़ रुपये की कुल लागत होगी. इस मंजूरी से, 01 जनवरी 2007 से पहले हाइड्रो क्षेत्र के केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों में शामिल लगभग 5,254 अधिकारियों को लाभ होगा.
कैबिनेट ने एकीकृत ई-फाइलिंग और केंद्रीकृत प्रोसेसिंग केंद्र 2.0 परियोजना के लिए व्यय को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आयकर विभाग की एकीकृत ई-फाइलिंग और केंद्रीकृत प्रोसेसिंग केंद्र 2.0 परियोजना के लिए 4,241.97 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दे दी है. मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2018-19 तक वर्तमान सीपीसी-आईटीआर 1.0 परियोजना की 1,482.44 करोड़ रुपये की समेकित लागत के लिए व्यय को भी स्वीकृति दे दी है.
• यह परियोजना 18 महीने में पूरी होगी और इसके पूर्ण होने पर आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग एक दिन में हो जाएगी जबकि अभी इसमें 63 दिन लग रहे हैं. इससे आयकरदाताओं को जहाँ एक ही में रिटर्न मिलने से आसानी होगी, वहीं सरकार को रिटर्न में देरी के कारण लगने वाले ब्याज की बचत होगी. इसमें आयकर रिटर्न की प्री-फाइलिंग की भी व्यवस्था होगी.
• इस निर्णय से देशभर में सभी श्रेणियों के करदाताओं द्वारा सुसंगत, एक समान, नियम आधारित और गुप्त पहचान तरीके से दाखिल किए गए रिटर्न की प्रोसेसिंग से समस्तरीय इक्विटी सुनिश्चित होगी. इससे सभी करदाताओं के लिए कर मामलों में निष्पक्षता सुनिश्चित होगी, चाहे उनका दर्जा कुछ भी हो.
मंत्रिमंडल ने 13 नए केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु संशोधित प्राक्कलित लागत (आरसीई) को मंजूरी दी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 नए केंद्रीय विश्वविद्यालयों हेतु आवर्ती लागत और परिसरों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के सृजन पर होने वाले खर्च के लिए 3639.32 करोड़ रूपये की राशि को मंजूरी दे दी. यह कार्य 36 महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा.
• मंत्रिमंडल ने इन केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए मंत्रिमंडल द्वारा पहले स्वीकृत की गई 3000 हजार करोड़ रूपये की राशि के अतिरिक्त खर्च की जा रही 1474.65 करोड़ रूपये की राशि को भी पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है.
• ये नए केंद्रीय विश्वविद्यालय केंद्रीय विश्वयविद्यालय अधिनियम 2009 के अंतर्गत बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कनार्टक, केरल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और जम्मू -कश्मीर में स्थापित किए जा रहे हैं.
• इससे उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ेगी और अन्य विश्वविद्यालयों के अनुसरण के लिए अनुकरणीय मापदंड निर्धारित होंगे. इससे शैक्षणिक सुविधाओं में क्षेत्रीय असंतुलनों को भी कम करने में मदद मिलेगी.
कैबिनेट ने भारतीय निर्यात-आयात बैंक के पुनर्पूंजीकरण को स्वीकृति दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) के पुनर्पूंजीकरण को मंजूरी दे दी है. भारतीय निर्यात-आयात बैंक में नई पूंजी लगाने के लिए भारत सरकार 6,000 करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण बांड जारी करेगी. वित्त वर्ष 2018-19 में 4,500 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019-20 में 1,500 करोड़ रुपये की दो किस्तों के जरिए इक्विटी लगाई जाएगी.
• कैबिनेट ने एक्जिम बैंक की अधिकृत पूंजी को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने की मंजूरी दे दी है. पुनर्पूंजीकरण बांड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जारी किए जाएंगे.
• एक्जिम बैंक भारत के लिए प्रमुख निर्यात ऋण एजेंसी है. एक्जिम बैंक में पूंजी लगाने से यह पूंजी पर्याप्तता अनुपात बढ़ाने और इसके साथ ही ज्यादा क्षमता के साथ भारतीय निर्यात के लिए आवश्यक सहायता देने में समर्थ हो जाएगा.
• एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया (एक्जिम बैंक) की स्थापना एक संसदीय अधिनियम के तहत वर्ष 1982 में भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के वित्त पोषण, इसे सुविधाजनक बनाने और बढ़ावा देने के लिए शीर्ष वित्तीय संस्थान के रूप में की गई थी. यह बैंक मुख्यतः भारत से निर्यात के लिए ऋण उपलब्ध कराता है.
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