टॉप कैबिनेट मंजूरी: 04 अक्टूबर 2018

Oct 4, 2018, 14:37 IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भोपाल मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के तहत करोंद सर्कल से एम्स तक और भदभदा चौराहे से रत्नागिरि तिराहा तक दो रेल गलियारे बनाए जायेंगे.

Top Cabinet Approvals: 4 October
Top Cabinet Approvals: 4 October

टॉप कैबिनेट मंजूरी: 04 अक्टूबर

मंत्रिमंडल ने भोपाल मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भोपाल मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के तहत करोंद सर्कल से एम्स तक और भदभदा चौराहे से रत्नागिरि तिराहा तक दो रेल गलियारे बनाए जायेंगे, जिनकी कुल लम्बाई 27.87 किलोमीटर होगी.

•   इनमें से करोंद सर्कल से एम्स गलियारा 14.99 किलोमीटर और भदभदा चौराहे से रत्नागिरि तिराहा गलियारा 12.88 किलोमीटर का होगा. ये गलियारे भोपाल के प्रमुख इलाकों को जोड़ेगें. करोंद सर्कल से एम्स के बीच बनने वाली मेट्रो रेल लाइन ज्यादातर हिस्सों में जमीन से ऊपर (एलिवेटेड) होगी।

•   भोपाल मेट्रो रेल परियोजना से भोपाल की 23 लाख की घनी आबादी वाले क्षेत्र प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे. परियोजना के तहत बनाए जाने वाले दोनों रेल गलियारे बहु-मॉडल वाले होंगे जो रेलवे स्टेशनों से जुड़े होंगे. इन मेट्रो रेल स्टेशनों के लिए फीडर बस सेवा नेटवर्क उपलब्ध होगी.

•   परियोजना को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के नाम से एक अलग कंपनी का गठन किया गया है. परियोजना के लिए वित्त पोषण केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार की ओर से समान आधार पर किया जाएगा. कुछ हिस्सा यूरोपीय निवेश बैंक की ओर से भी दिया जाएगा.

 

कैबिनेट ने इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंदौर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दी है. जिसमें बंगाली स्क्वायर-विजय नगर-भावरशाला-एयरपोर्ट-पाटासिया-बंगाली स्क्वायर रिंग लाइन शामिल हैं. इस मार्ग की कुल लंबाई 31.55 किलोमीटर है जो इंदौर के सभी प्रमुख केंद्रों और शहरी क्षेत्रों को जोड़ेगा.

•   रिंग लाइन की लंबाई 31.55 किलोमीटर है. रिंग लाइन बंगाली स्क्वायर-विजय नगर-भावरशाला-एयरपोर्ट-पाटासिया-बंगाली स्क्वायर तक होगी. रिंग लाइन पर स्टेशनों की संख्या 30 हैं.

•   इस परियोजना से इंदौर शहर में सुरक्षित, विश्वसनीय और वहनीय यातायात प्रणाली उपलब्ध होगी जिसमें शहर के सभी प्रमुख केंद्र जुड़ेंगे. इससे दुर्घटनाओं, प्रदूषण, यात्रा के समय में कमी, ऊर्जा खपत, असामाजिक गतिविधियों में कमी आएगी तथा शहरी विस्तार और सतत विकास के लिए जमीन के इस्तेमाल में मदद मिलेगी.

•   इस परियोजना की अनुमानित लागत 7500.80 करोड़ हैं और इसे चार वर्ष में पूरा किया जाएगा. मेट्रो रेल परियोजना से इंदौर की 30 लाख आबादी को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा और इस मेट्रो रेल गलियारे से रेलवे स्टेशन, बीआरडी स्टेशन, बसों के फीडर नेटवर्क, इंटरमीडियट पब्लिक ट्रांसपोर्ट तथा गैर-मोटरित यातायात के लिए बहुमॉडल समन्वय होगा.

 

मंत्रिमंडल ने भारत और सिंगापुर के बीच सीईसीए में संशोधन वाले दूसरे प्रोटोकॉल को स्वीकृति दी

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और सिंगापुर के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) में संशोधन करने वाले दूसरे प्रोटोकॉल को अपनी स्वीकृति दे दी है. सीईसीए पर 24 अगस्त 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.

•   दूसरे प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगा और आर्थिक सहयोग प्रगाढ़ होगा.

 

मंत्रिमंडल ने नोडल एजेंसी आईआरएसडीसी द्वारा सरल प्रक्रियाओं तथा लम्बी अवधि पट्टा के माध्यम से रेलवे स्टेशनों के पुर्नविकास को मंजूरी दी

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नोडल तथा प्रमुख परियोजना विकास एजेंसी भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) द्वारा रेलवे स्टेशनों को फिर से विकसित करने के बारे में अपनी स्वीकृति दे दी है.

•   पुर्नविकास कार्यक्रम में विभिन्न बिजनेस मॉडलों वाली सरलीकृत प्रक्रियाएं और 99 वर्ष की लम्बी अवधि के लिए पट्टा शामिल हैं. इससे रेलवे का व्यापक आधुनिकीकरण होगा और विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना सुनिश्चित होगी.

•   पूरे देश में प्रमुख रेलवे स्टेशनों का विकास रेलवे की जमीन तथा स्टेशन के आस-पास के स्थानों का वाणिज्यिक विकास करके किया जाएगा. इस कार्यक्रम से यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा इसमें मंत्रालय पर कोई लागत बोझ नहीं आएगा.

•   नोडल एजेंसी आईआरएसडीसी समग्र योजना तैयार करेंगी और स्टेशन विशेष या स्टेशनों के समूह की व्यवसाय योजना तैयार करेगी जिससे भारतीय रेल की लागत स्थिरता सुनिश्चित होगी. रेल मंत्रालय द्वारा व्यवसाय योजनाओं को मंजूरी देने से आईआरएसडीसी तथा परियोजना विकास एजेंसियां स्टेशन पुर्नविकास का कार्य प्रारंभ करेंगी.

 

मंत्रिमंडल ने एमएसएमई के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

•   मंत्रिमंडल ने सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम राष्‍ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड (एनएसआईसी) और रूस के जेएससी-रूसी लघु एवं मध्‍यम व्‍यापार निगम (आरएसएमबी निगम) के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी दे दी. रूस के राष्‍ट्रपति के भारत आगमन के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए जाएंगे.

•   समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य दोनों देशों के लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के बीच सहयोग को बढ़ाना है. इससे दोनों देशों के एमएसएमई क्षेत्र में ठोस रूपरेखा और सक्षम माहौल पैदा होगा. इसके जरिए दोनों देश एक-दूसरे की शक्तियों, बाजारों, प्रौद्योगिकियों, नीतियों आदि को समझने में सक्षम होंगे. इस सहयोग से भारतीय एमएसएमसी क्षेत्र में नये अवसरों के द्वार खुलने की उम्‍मीद है.

•   समझौता-ज्ञापन के जरिए दोनों देशों के उद्यमों के बीच सहयोग बढ़ेगा और एमएसएमई क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अंतरण, संयुक्‍त उपक्रम और व्‍यापारिक साझेदारी के संबंध में सतत व्‍यापारिक गठबंधन शुरू करने में मदद मिलेगी. क्षमता निर्माण, उद्यमशीलता विकास की शुरूआत, प्रदर्शनियों के जरिए एक-दूसरे के बाजार में भागीदारी बढ़ाने के विषय को भी समझौत-ज्ञापन में शामिल किया गया है.

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) खोले जाने को मंजूरी दी

•   प्रधामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश में भोपाल की बजाय सिहोर जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (एनआईएमएचआर) खोले जाने को मंजूरी दे दी है. मंत्रिमंडल ने इसके लिए 16 मई, 2018 को लिये गए अपने फैसले में आंशिक रूप से संशोधन किया है. पहले यह संस्थान भोपाल में खोला जाना था.

•   सिहोर में बनने वाला एनआईएमएचआर देश में मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास क्षेत्र का अपनी किस्म का पहला संस्थान होगा. यह मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास के क्षेत्र में मानव संसाधन और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता और क्षमता विकास केंद्र के रूप में काम करेगा और मानसिक बिमारियों से ग्रस्त लोगों के प्रभावी पुनर्वास के लिए बेहतर मॉडल सुझाएगा.

 

मंत्रिमंडल ने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग के लिए समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

•   केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सड़क यातायात एवं सड़क उद्योग के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय सहयोग के लिए समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दे दी है. रूस के राष्‍ट्रपति के भारत आगमन के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए जाएंगे.

•   यातायात और राजमार्ग क्षेत्र में सहयोग के लिए औपचारिक मंच स्‍थापित और विकास करने की दृष्टि से सड़क यातायात एवं सड़क उद्योग के क्षेत्र में समझौता-ज्ञापन को दोनों देशों ने मिलकर तैयार किया और अंतिम रूप दिया है.

•   सड़क यातायात और सड़क उद्योग के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग से दोनों देशों को फायदा होगा. रूस के साथ सहयोग और आदान-प्रदान में बढ़ोतरी से सड़क यातायात एवं सड़क उद्योग तथा कुशल यातायात प्रणाली (आईपीए) में संचार तथा सहयोग संबंधी प्रभावशाली और दीर्घकालीन द्विक्षीय संबंधों को स्‍थापित करने में सहायता होगी.

•   भारत और रूस के बीच बहुत पुराने रिश्‍ते हैं और रणनीतिक साझेदारी के स्‍तर पर दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्‍ते कायम हैं. रूस ने उपग्रह आधारित पथ कर प्रणाली के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की है. इसी तरह रूस ने निगरानी प्रणालियों सहित कुशल यातायात प्रबंधन प्रणाली को भी उन्‍नत बनाया है.

 

मंत्रिमंडल ने नेपा लिमिटेड के लिए बजटीय सहायता को मंजूरी दी

•   आर्थिक मामले की मंत्रिमंडल समिति ने मध्‍यप्रदेश के नेपानगर स्‍थित सार्वजनिक क्षेत्र की न्‍यूजप्रिंट कम्‍पनी, नेपा लिमिटेड के पुनरोद्धार तथा मिल विकास योजना के लिए 469.41 करोड़ रूपये का एक वित्‍तीय पैकेज उपलब्‍ध कराने हेतु अपनी मंजूरी दे दी है.

•   आरएमडीपी के समापन के लिए कम्‍पनी में इक्‍वटी के रूप में 277 करोड़ रूपये कराना ताकि उत्‍पादन क्षमता को मौजूदा 83,000 एमटी प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 1,00,000 एमटी प्रतिवर्ष हो जाएगी, उत्‍पादन में विविधता आएगी, उत्‍पादों की गुणवत्‍ता में सुधार होने के साथ-साथ नेपा लिमिटेड में उत्‍पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

•   वेतन, मजदूरी आदि के भुगातन के लिए 101.58 करोड़ रूपये के ऋण को भी मंजूरी दी गई है. इससे नेपा लिमिटेड के कर्मचारियों की कठिनाइयों का समाधान होगा. 400 कर्मचारियों की स्‍वैच्‍छिक सेवानिवृत्‍ति योजना के लिए कुल मिलाकर 90.83 करोड़ रूपये मंजूर किये गये. आरएमडीपी के पूरा होने से नेपा को मध्‍यप्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में रोजगार में सहायता देने के अलावा बाजार में एक बेहतर उपस्‍थिति दर्ज करने में मदद मिलेगी.

•   नेपा लिमिटेड मध्‍यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्‍थित एक अग्रणी न्‍यूजप्रिटं है. इस कंपनी की शुरूआत वर्ष 1947 में हुई थी और वर्ष 1981 तक यह भारत की एकमात्र न्‍यूजप्रिटं निर्माण इकाई थी. सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी में फिलहाल एक पुनरोद्धार और आधुनिकीकरण योजना चलाई जा रही है ताकि उत्‍पादन में क्षमता में वृद्धि होने के साथ-साथ इसके उत्‍पादों में विविधता आए.

 

कैबिनेट ने 2018-19 सीजन की रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी

•   आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2018-19 सीजन की सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. इन फसलों का विपणन 2019-20 सीजन में होगा. इस किसान अनुकूल पहल से किसानों को 62,635 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रिटर्न मिलेगा.

•   इस पहल के तहत अधिसूचित फसलों की एमएसपी बढ़ाते हुए उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत रिटर्न सुनिश्चित किया गया है और इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी. गेहूं, जौ, चना, मसूर, रेपसीड एवं सरसों और कुसुम के लिए सरकार द्वारा तय की गई एमएसपी उत्पादन लागत के मुकाबले काफी अधिक है.

•   गेहूं की एमएसपी में प्रति क्विंटल 105 रुपये, कुसुम की एमएसपी में प्रति क्विंटल 845 रुपये, जौ की एमएसपी में प्रति क्विंटल 30 रुपये, मसूर की एमएसपी में प्रति क्विंटल 225 रुपये, चने की एमएसपी में प्रति क्विंटल 220 रुपये तथा रेपसीड एवं सरसों की एमएसपी में प्रति क्विंटल 200 रुपये की वृद्धि की गई है जो इस दिशा में एक और प्रमुख कदम है.

•   सरकार द्वारा नई समग्र योजना ‘प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा)’ की घोषणा करने के परिणामस्वरूप अब एक ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था उपलब्ध हो गई है, जिससे किसानों को एमएसपी अब पूर्ण रूप से प्राप्त होगी. इस समग्र योजना में तीन उप-योजनाएं यथा मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य अंतर भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट योजना (पीपीएसएस) शामिल हैं, जिन्हें प्रायोगिक (पायलट) आधार पर शुरू किया गया है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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