टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 08 जुलाई 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से सहकारिता मंत्रालय और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
सहकारिता मंत्रालय: गृहमंत्री अमित शाह को सहकारिता मंत्रालय का मिला प्रभार, जानें इस मंत्रालय के बारे में
यह सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले एक सच्चे जनभागीदारी आधारित आंदोलन को मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगा. बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार से एक दिन पहले यानी 06 जुलाई 2021 को सरकार ने यह (सहकारिता मंत्रालय) नया मंत्रालय बनाया था.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सहकारिता मंत्रालय का भी प्रभार सौंपा गया है. मोदी सरकार ने 'सहकार से समृद्धि' के विजन को साकार करने हेतु 'सहकारिता मंत्रालय' बनाया था. अब देश के गृहमंत्री को इस नये मंत्रालय का कार्यभार सौंप दिया गया है.
कैबिनेट मंत्रियों की सूची 2021: मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए ये 43 नेता, मनसुख मांडविया स्वास्थ्य मंत्री, किरण रिजिजू को कानून मंत्रालय
कैबिनेट विस्तार में 7 मंत्रियों का प्रमोशन किया गया जबिक मंत्रिमंडल में 36 नए चेहरों को शामिल किया गया. वहीं, शपथ ग्रहण समारोह से पहले डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल के साथ मंत्रियों के विभागों में भी काफी परिवर्तन किए गए हैं. हालांकि ज्यादातर बड़े मंत्रियों के विभाग यथावत रहे हैं. राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, एस.जयशकंर, निर्मला सीतारमण, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी जैसे कद्दावर मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
ओडिशा ने 1.46 लाख करोड़ रुपये की 5 प्रमुख इस्पात निर्माण परियोजनाओं को दी मंजूरी
वित्त वर्ष 2020-21 में, ओडिशा COVID-19 महामारी के बीच भी 02.96 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने में सक्षम था. इन पांच प्रमुख औद्योगिक परियोजनाओं से ओडिशा में 26,959 रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
HLCA ने टाटा स्टील लिमिटेड के कच्चे इस्पात के उत्पादन को 03 MTPA से 08 MTPA तक, हॉट रोल्ड कॉइल को 03 MTPA से 07 MTPA तक, 02 MTPA लंबे उत्पाद और 2.2 MTPA कोल्ड रोल्ड उत्पाद बढ़ाने के लिए 47,599 करोड़ रुपये दिए.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व CM वीरभद्र सिंह का निधन
वीरभद्र सिंह की राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है और वे 6 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. वीरभद्र सिंह साल 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 से 2003, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके अतिरिक्त यूपीए सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रह चुके थे.
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ था. वीरभद्र सिंह ने इसी साल जनवरी में चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का घोषणा किया था. उन्होंने कहा था कि वो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे. वे कांग्रेस पार्टी के बड़े और भरोसेमंद नेताओं में शुमार रहे हैं.
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