टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 11 जून 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से भारतमाला परियोजना और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
भारतमाला परियोजना में हो सकती है 4 साल की देरी: ICRA
भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत फरवरी 2020 तक कुल 246 सड़क परियोजनाएं आवंटित की गई थीं, जिनकी कुल लागत 2.38 लाख करोड़ रुपये है. इक्रा ने कहा है कि भारतमाला परियोजना के पहले चरण के काम में 4 साल की देरी हो सकती है और अब इसके 2026 में पूरी होने की संभावना है.
इक्रा (ICRA) ने कहा है कि फरवरी तक 2.38 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का आवंटन हुआ है, जिसके आवंटन की औसत लागत 23.80 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर है. यह 15.52 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर के शुरुआती लागत अनुमान से 54 प्रतिशत ज्यादा है.
खाद्य सुरक्षा सूचकांक में गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र अव्वल स्थान पर
खाद्य सुरक्षा सूचकांक एक तरह का मीटर है, जो बताता है कि शहर में खाद्य सुरक्षा (फूड सेफ्टी) के लिए सरकार या प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम कितने प्रभावी हैं. इस क्षेत्र में चंडीगढ़ ने काफी अच्छा कार्य किया है. सिटी ब्यूटीफुल में खाद्य सुरक्षा को लेकर इस वर्ष कई तरह के कदम उठाए गए है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाद्य कंपनियों और व्यक्तियों के योगदान को पहचान प्रदान करने के लिये ‘ईट राइट अवार्ड’ की स्थापना की है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्वास्थ्यकर खाद्य विकल्प चुनने में सशक्त बनाया जा सके.
China की मानव रहित सबमर्सिबल ने बनाया कीर्तिमान, जानें विस्तार से
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक अभियान दल के सदस्य चीन की विज्ञान अकादमी से संबद्ध शेंगयांग इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन से जुड़े हैं. दल के सदस्यों ने बताया कि सबमर्सिबल समुद्र की सतह से 10,000 मीटर गहरे मरियाना ट्रेंच में स्थित चैलेंजर डीप में चार बार उतरा. वैज्ञानिकों का दल 23 अप्रैल 2020 को अभियान के लिए निकला था और 08 जून 2020 को वापस आया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सबमर्सिबल ने गहरे समुद्र से नमूने एकत्रित किए और भूगर्भीय वातावरण के चित्रे खींचे. हाल के वर्षों में चीन ने गहरे समुद्र के प्रचुर संसाधनों पर अनुसंधान के लिए तकनीकी विकास पर ध्यान देना शुरू किया है. चीन ने देश के बाहर हिंद महासागर में अपना पहला सैन्य अड्डा स्थापित करने का घोषणा किया था.
सरकार द्वारा ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ के तहत राज्यों को 4000 करोड़ रुपये आवंटित
वित्त और किसान कल्याण मंत्रालय ने बताया कि 4000 करोड़ रुपये का आवंटन पहले ही हो चुका है और राज्य सरकारों ने इस कार्यक्रम के तहत शामिल किए जाने वाले लाभार्थियों की पहचान कर ली है. वर्ष 2020-21 के लिए कुछ राज्यों को फंड जारी करने की प्रक्रिया पहले ही चल रही है.
नाबार्ड के माध्यम से तमिलनाडु को 478.79 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को 616.14 करोड़ रुपये क्रमशः की राशि सूक्ष्म सिंचाई निधि के तौर पर जारी की गई है. इन परियोजनाओं के अंतर्गत तमिलनाडु में आने वाला क्षेत्र 1.76 लाख हेक्टेयर और आंध्र प्रदेश में आने वाला क्षेत्र 1.021 लाख हेक्टेयर हे.
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