परिवहन मंत्रालय ने युवा सड़क सुरक्षा प्रशिक्षु लाइसेंस कार्यक्रम की शुरूआत की

यह कार्यक्रम पीपीपी पहल है जिसे डियाजियो इंडिया और इंस्‍टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) के सहयोग से चलाया जाएगा. यह युवाओं, पहली बार गाड़ी चलाने वाले जिन्‍होंने प्रशिक्षु लाइसेंस के लिए आवेदन किया हुआ है, उनके लिए एक औपचारिक और संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने का एक प्रयास है.

Oct 16, 2018, 14:31 IST
Transport Ministry launches youth road safety learners licence programme
Transport Ministry launches youth road safety learners licence programme

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने 15 अक्टूबर 2018 को नई दिल्‍ली में युवा सड़क सुरक्षा प्रशिक्षु लाइसेंस कार्यक्रम की शुरूआत की.

यह कार्यक्रम पीपीपी पहल है जिसे डियाजियो इंडिया और इंस्‍टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) के सहयोग से चलाया जाएगा. यह युवाओं, पहली बार गाड़ी चलाने वाले जिन्‍होंने प्रशिक्षु लाइसेंस के लिए आवेदन किया हुआ है, उनके लिए एक औपचारिक और संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने का एक प्रयास है.  

                        सड़क सुरक्षा का महत्‍व:

सरकार के लिए सड़क सुरक्षा का बेहद महत्‍व है क्‍योंकि हाल के समय में सड़क दुर्घटनाओं खासतौर से युवाओं के मारे जाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि आई है. तेज गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, आवश्‍यक सुरक्षा उपायों के अभाव में जैसे हेलमेट नहीं पहनना आदि कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं जिसके कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी हैं. सरकार शहरों और सुरक्षित सड़कों को वास्तविकता में बदलने की अपनी परिकल्पना के प्रति कृतसंकल्प है. इस कार्यक्रम से सरकार को 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.

मुख्य तथ्य:

•   इंस्‍टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) के अध्यक्ष डॉ. रोहित बालूजा ने कहा कि युवा पीढ़ी सड़क सुरक्षा के प्रति अतिसंवेदनशील है. हर प्रयास उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाना चाहिए.

•   पहले वर्ष में इस कार्यक्रम में देश भर में कुल 400 कार्यक्रमों के साथ 20 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है.

•   युवा सड़क सुरक्षा प्रशिक्षु लाइसेंस कार्यक्रम सड़क सुरक्षा जागरूकता में सुधार लाकर इस गंभीर मुद्दे के समाधान की दिशा में एक प्रमुख कदम है.

•   आईआरटीई ‘सुरक्षा के लिए सड़क’ पहल को सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है ताकि यातायात पुलिस अधिकारियों को क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्रदान करने और व्यावसायिक चालकों जैसे ट्रक और बस चलाने वालों तथा विश्वविद्यालय के छात्रों को शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरे के प्रति शिक्षित किया जा सके.

•   इस कार्यक्रम के अंतर्गत सड़क सुरक्षा क्षमता निर्माण में 4624 यातायात अधिकारियों, 6000 व्यावसायिक वाहन चालकों और 17 राज्यों के 64 से अधिक शहरों में विश्वविद्यालय के 5000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.

सड़क दुर्घटना:

विश्व में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का 12.5 प्रतिशत (एक वर्ष में 1.45 लाख से अधिक मौतें) भारत में होती है. चौंका देने वाली बात यह है कि ऐसी सड़क दुर्घटनाओं का शिकार 72 प्रतिशत लोग 15-44 आयु वर्ग के है जो तेज गति, असावधानी और शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण दुर्घटना के शिकार हुए, जिसके कारण 1.5 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुई और 4.6 प्रतिशत मौतें हुई.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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