अमेरिकी सीनेटरों ने ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करने हेतु प्रस्ताव सीनेट में प्रस्तुत किया

Feb 9, 2017, 19:29 IST

रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पड्रू ने ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करने हेतु प्रस्ताव  (रेज एक्ट) सीनेट में प्रस्तुत किया.

अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने आव्रजन का स्तर कम करके आधा करने हेतु सीनेट में विधेयक पेश किया है. इसे ग्रीन कार्ड हासिल करने या अमेरिका में स्थायी निवासी बनने की इच्छा रखने वालों के समक्ष संभावित चुनौती के रूप में माना जा रहा है.

रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पड्रू ने यह रेज एक्ट सीनेट में प्रस्तुत किया. विधेयक में प्रति वर्ष जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्ड यानि कानूनी स्थायी निवास की मौजूदा संख्या लगभग 10 लाख को कम करके पांच लाख करने का प्रस्ताव किए गया है. विधेयक को ट्रंप प्रशासन का समर्थन प्राप्त है

विधेयक पारित होने के परिणाम-
यदि आव्रजन विधेयक (रेज एक्ट) पारित हो जाता है तो इससे वे लाखों भारतीय अमेरिकी प्रभावित होंगे जो रोजगार आधारित वर्गों में ग्रीन कार्ड मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की अवधि-
•    वर्तमान में किसी भारतीय को ग्रीन कार्ड हासिल करने हेतु 10 से 35 साल तक इंतजार करना पड़ता है. यदि प्रस्तावित यह विधेयक कानून बन जाता है तो यह अवधि बढ़ भी सकती है.
•    इस विधेयक में एच—1बी वीजा पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया है.

रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन के अनुसार आव्रजन प्रणाली अमेरिकी कर्मियों हेतु तैयार की जाएगी. रेज एक्ट उच्च वेतनों को प्रोत्साहित करेगा जिसके आधार पर सभी कामकाजी अमेरिकी भविष्य का निमार्ण कर सकते हैं.

डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर डेविड पड्रू के अनुसारअमेरिका की कानूनी आव्रजन प्रणाली में व्याप्त कुछ कमियों को दूर करने हेतु कदम उठाए जा रहे है. कानूनी आव्रजन के ऐतिहासिक रूप से सामान्य स्तरों पर वापस पहुंचने से अमेरिकी नौकरियों एवं वेतनों की गुणवत्ता के सुधार में मदद मिलेगी

अमेरिका में प्रवासियों की वर्तमान संख्या-
वर्ष 2015 में 1,051,031 प्रवासी अमेरिका आए. इस विधेयक के पारित होने के बाद पहले साल में प्रवासियों की कुल संख्या कम होकर 6,37,960 रह जाएगी और 10वें साल में यह मात्र 5,39,958 हो जाएगी.

विधेयक के बारे में-
•    आव्रजन विधेयक (रेज एक्ट) अमेरिकी नागरिकों एवं वैध स्थायी निवासियों के पति या पत्नी और नाबालिग बच्चों हेतु आव्रजन प्राथमिकताओं को बरकरार रखेगा.
•    विस्तारित परिवार और परिवार के वयस्क सदस्यों हेतु प्राथमिकताएं हटा दी जाएंगी.
•    विधेयक में विविधता वीजा लॉटरी को भी समाप्त करने का प्रस्ताव है.
•    इसके पीछे तर्क यह है कि डाइवर्सिटी लॉटरी में धोखाधड़ी होती है, इससे कोई आर्थिक या मानवीय हित पूरा नहीं होता.
•    रेज एक्ट के बाद डाइवर्सिटी लॉटरी के माध्यम से मनमाने ढंग से दिए गए 50,000 वीजा समाप्त हो जाएंगे.
•    विधेयक में शरणार्थियों हेतु स्थायी निवास पर जिम्मेदाराना सीमा तय करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया है.
•    रेज एक्ट स्थायी निवास पाने वाले शरणाथिार्यों की संख्या को प्रति वर्ष 50,000 तक सीमित करेगा.

ग्रीन कार्ड के बारे में -
•    किसी दूसरे देश से आकर अमेरिका में बसे लोगों को वहां काम करने और रहने के लिए एक कार्ड बनाया जाता है जिसे यूनाइटेड स्टेट्स पर्मानेंट रेसिडेंट कार्ड कहा जाता है, इसी को ग्रीन कार्ड नाम दिया गया है.
•    यह कार्ड उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स लॉफुल पर्ममानेंट रेसिडेंसी के तहत दिया जाता है. पहले इसे एलियन रजिस्ट्रेशन कार्ड भी कहा जाता था.
•    इमीग्रेंट्स को दिए जाने वाले कार्ड का रंग हरा होता है इसलिए यह ग्रीन कार्ड कहा जाने लगा.
•    जिनको यह कार्ड प्रदान किया जाता है वो अमेरिका में हमेशा के लिए रह सकते हैं और वहां काम कर सकते हैं.
•    ग्रीन कार्ड्स की वैलिडिटी 10 साल की होती है, इसके बाद इसे या तो रीन्यू कराना होता है या फिर यह नया जारी किया जाता है.
•    इमीग्रेशन प्रोसेस को भी ग्रीन कार्ड कहा जाता है जिसके माध्यम से इमीग्रेंट्स को वहां की पर्मानेंट सिटिजनशिप प्रदान की जाती है.

ग्रीन कार्ड्स सम्बन्धी मुख्य बातें-
•    प्रति वर्ष अमेरिका में 10 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड प्रदान किए जाते हैं.
•    ग्रीन कार्ड होल्डर अमेरिका के सिटिजन नहीं होते और न ही वोट कर सकते.
•    ग्रीन कार्ड होल्डर्स को वहां के सिटिजन न होने तक अमेरिकी पासपोर्ट नहीं मिलता.
•    ग्रीन कार्ड होल्डर्स को अमेरिकी इनकम टैक्स फाइल करना होता है.
•    ग्रीन कार्ड होल्डर्स को अपनी प्राथमिक सिटिजनशिप अमेरिका की रखनी होती है.
•    भारतीयों को ग्रीन कार्ड हेतु 10 से 35 साल का इंतजार करना होता है.
•    50 लाख लोग अभी भी ग्रीन कार्ड के इंतजार में हैं.

ग्रीन कार्ड का इंतजार बढ़ेगा-
•    वर्ष 2015 में अमेरिका ने लगभग 63 हजार भारतीयों को ग्रीन कार्ड दिया था. इसी वर्ष दुनिया भर के 7 लाख 30 हजार लोगों को अमेरिका की सिटिजनशिप देने हेतु  ग्रीन सिग्नल दिया गया.
•    नई पॉलिसी आने के बाद इनकी संख्या आधी हो जाएगी और ऐसी स्थिति में जो भारतीय ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे थे उनका इंतजार और लंबा हो जाएगा.  
•    इससे पहले अमेरिका ने इमीग्रेशन बैन किया और अब ग्रीन कार्ड की संख्या आधी करने हेतु सीनेट में विधेयक पेश किया गया है, जिसे अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन हासिल है.

अमेरिका भारतीयों से टैक्स वसूलता है -
भारत से अमेरिका जाकर कमाई करने वाले लोगों से अमेरिका उनकी सैलरी का लगभग 30 फीसदी तक पैसे बतौर टैक्स वसूलता है. इस टैक्स की रकम को 5 वर्ष बाद तक काम करने के बाद वापस करने का प्रावधान है. इन भारतीयों में से अधिकतर 5 साल से पहले ही वापस आ जाते हैं. ऐसी स्थिति में बतौर टैक्स कटा गया पैसा वहीं रह जाता है जो अमेरिका की जीडीपी में अहम रोल निभाता है.

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