यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को जी 7 शिखर सम्मेलन में अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है. 17 जनवरी, 2021 की ब्रिटिश उच्चायोग की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह बैठक 11 जून से 14 जून, 2021 तक कॉर्नवाल में आयोजित होने वाली है.
इस प्रेस रिलीज में यह भी बताया गया है कि, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, बोरिस जॉनसन जी 7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत का दौरा भी कर सकते हैं. इस बैठक के लिए, यूके सरकार ने दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं को भी आमंत्रित किया है.
इससे पहले, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का गणतंत्र दिवस 2021 के समारोहों के लिए भारत आने का कार्यक्रम था, लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस की गंभीर स्थिति के कारण इस योजना को रद्द कर दिया गया था.
ब्रिटेन सरकार ने महामारी के दौरान भारत के प्रयासों की सराहना की
भारत को 'विश्व की फार्मेसी' करार देते हुए, यूके सरकार ने कोविड -19 वैक्सीन के उत्पादन के संबंध में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की.
ब्रिटेन सरकार की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह उल्लेख किया गया है कि, भारत ने पहले ही दुनिया के 50% से अधिक टीकों की आपूर्ति कर दी है और दोनों देशों ने इस महामारी के दौरान मिलकर काम किया है.
कोविड -19 से बेहतर निर्माण की योजना
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, बोरिस जॉनसन आने वाले 2 वर्षों में जी 7 बैठक का उपयोग करके, प्रधानमंत्री मोदी सहित विभिन्न नेताओं से आग्रह करेंगे, ताकि कोरोना वायरस से बेहतर निर्माण का अवसर हासिल किया जा सके और सभी देश भविष्य को और अधिक सुंदर, निष्पक्ष तथा समृद्ध बनाने के लिए एकजुट हो सकें.
जून, 2021 में जी 7 शिखर सम्मेलन साझा चुनौतियों को संबोधित करेगा. इसमें कोरोना वायरस को मात देने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से निपटना भी शामिल होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि, दुनिया भर के लोगों को तकनीकी परिवर्तन, खुले व्यापार और वैज्ञानिक खोज से लाभ मिल रहे हैं.
जी 7 के बारे में
जी 7 जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, अमेरिका, इटली और यूरोपीय संघ का समूह है. यह ऐसा एकमात्र मंच भी है जहां दुनिया की सबसे प्रभावशाली और उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और खुले समाज विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकजुट होते हैं.
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