UNEP ने वैश्विक पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट का 6वां संस्करण जारी किया

Mar 15, 2019, 15:30 IST

लगभग 1.4 मिलियन लोग प्रतिवर्ष निवारक रोगों से मरते हैं, जैसे कि दस्त और आंतों में परजीवी, जो रोगजनक-प्रदूषित पेयजल और अपर्याप्त स्वच्छता से जुड़े हैं.

UNEP released the 6th edition of the Global Environment Outlook Report
UNEP released the 6th edition of the Global Environment Outlook Report

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा 13 मार्च 2019 को वैश्विक पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट (ग्लोबल एनवायरनमेंट आउटलुक रिपोर्ट- GEO) का छठा संस्करण जारी किया गया है.

इस रिपोर्ट में भारत के संदर्भ में विभिन्न आंकड़े पेश किये गये हैं. उदहारण के लिए, इसमें कहा गया है कि वर्ष 2018 में, वायु प्रदूषण से भारत में 1.24 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई जो कि सभी मौतों का लगभग 12.5 प्रतिशत है. वर्ष 2017 में, मानसून के दौरान आने वाली बाढ़ से बिहार में 8,,55,000 लोग विस्थापित हुए. वर्ष 1980 के बाद से जलवायु संबंधी घटनाओं में वैश्विक अर्थव्यवस्था की लागत 1.2 ट्रिलियन डॉलर है, जो कि वैश्विक जीडीपी का लगभग 1.6 प्रतिशत है.

GEO-6 रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव जनित प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति विश्व भर में होने वाले 1/4 आकस्मिक निधन और बीमारियों का कारण है.
  • वर्ष 2015 में दुनिया भर में 9 मिलियन लोगों की मौत मानव जनित प्रदूषण के कारण हुई है.
  • वायु प्रदूषण, वर्तमान में प्रति वर्ष 6 से 7 मिलियन अकाल मौतों का कारण है. साथ ही यह संभावना भी व्यक्त की गई है कि अगले कुछ वर्षों तक यह आंकड़ा ज्यों का त्यों बना रहेगा.
  • माइक्रोप्लास्टिक्स सहित समुद्र में फेंके जाने वाले प्लास्टिक और कूड़े से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के सभी स्तरों पर नकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है.
  • मृदा क्षरण मानव कल्याण और पारिस्थितिक तंत्र के लिए एक बढ़ता खतरा है, विशेष रूप से उन ग्रामीण क्षेत्रों में जो भूमि की उत्पादकता पर सबसे अधिक निर्भर हैं. विश्व के 29% इलाके पर मृदा क्षरण हो रहा है जिस पर 3.2 बिलियन लोग निवास करते हैं.
  • लगभग 1.4 मिलियन लोग प्रतिवर्ष निवारक रोगों से मरते हैं, जैसे कि दस्त और आंतों परजीवी, जो रोगजनक-प्रदूषित पेयजल और अपर्याप्त स्वच्छता से जुड़े हैं.
  • यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2050 तक एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमण दुनिया भर में मौत का मुख्य कारण बनेगा.
  • जियो-6 रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 9% जिसका निदान किया जा सकता है. वैश्विक स्तर पर खाद्य पदार्थों का 56% कचरे में फेंक दिया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम

संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) पर्यावरण के बारे में विश्‍व में अग्रणी प्राधिकारण है जो वैश्विक पर्यावरण एजेंडा तय करता है. यूएनईपी संयुक्‍त राष्‍ट्र तंत्र के भीतर सतत् विकास के पर्यावरण संबंधी पहलू के सामंजस्‍यपूर्ण क्रियान्‍वयन को बढ़ावा देता है और दुनिया के पर्यावरण के लिए अधिकार के साथ हिमायत करता है.

यूएनईपी के उत्तरदायित्वों में वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्‍ट्रीय पर्यावरणीय परिस्थितियों और रुझानों का आकलन करना; पर्यावरण के संबंध में अंतर्राष्‍ट्रीय और राष्‍ट्रीय नीतियां तैयार करना; और पर्यावरण के सोचे-समझे प्रबंधन के लिए संस्‍थाओं को मजबूत करना शामिल है. इसके मुख्य कार्यक्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन; आपदाएं और संघर्ष; पारिस्थितिकी प्रबंधन; पर्यावरणीय शासन; पर्यावरण की समीक्षा; हानिकारक पदार्थ; और संसाधनों का कुशल उपयोग शामिल हैं.

 

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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