युद्धग्रस्त और आपदाग्रस्त देशों में 15 वर्ष से 24 वर्ष की आयु के करीब 30 फीसदी युवा अनपढ़ हैं जो वैश्विक दर से तीन गुना अधिक है.
संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनीसेफ ने एक नए अध्ययन में कहा कि पांच करोड़ 90 लाख युवाओं में से लड़कियां शिक्षा से सबसे ज्यादा वंचित हैं.
मुख्य तथ्य:
• आर्थिक रूप से कंगाल चार अफ्रीकी देशों में उन युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है जो पढ़ या लिख नहीं सकते.
• वर्तमान में मानवीय सहायता के लिए जुटायी जा रही राशि का महज 3.6 प्रतिशत आपात स्थिति वाले देशों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में खर्च किया जा रहा है.
• यूनिसेफ के अनुमान के मुताबिक अगले चार वर्षों में वह शैक्षणिक कार्यक्रमों पर लगभग एक अरब डॉलर की राशि खर्च करेगा.
• नाइजर में 76 प्रतिशत, चाड में 69 प्रतिशत, दक्षिण सूडान में 68 फीसदी और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में 64 फीसदी युवा निरक्षर हैं. वैश्विक स्तर पर यह संख्या 5.9 करोड़ है. इन आंकड़ों को सुधारने के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त राशि सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण हैं.
• ये संख्याएं संकटों का बच्चों की शिक्षा, उनके भविष्य और स्थिरता तथा उनकी अर्थव्यवस्थाओं एवं समाजों की वृद्धि पर पड़े असर की याद दिलाती है.
• एक अशिक्षित बच्चा एक निरक्षर युवा के तौर पर बड़ा होता है और उसके संघर्ष से अलग रहने अथवा आपदाओं से प्रभावित नहीं होने का अवसर बहुत कम होता है.
• इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि संघर्षग्रस्त और आपदाग्रस्त देशों में बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य तथा उन देशों की अर्थव्यवस्थाओं एवं समाज की स्थिरता एवं विकास पर कितना बुरा असर पड़ रहा है.
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