वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी 2017 को 11 बजे संसद में मोदी सरकार का तीसरा बजट पेश करने जा रहे हैं. आम लोगों को उनसे काफी उम्मीदें होंगी. नोटबंदी के बाद लोगों पर क्या असर पड़ने वाला है तथा यह बजट आम जनता को किस प्रकार प्रभावित करेगा, इन सब बातों का सभी को विशेष इंतजार रहेगा.
आज सभी यह जानना चाह रहे हैं कि अरुण जेटली आम जनता की सुविधा तथा उनको राहत देने के लिए किस प्रकार की घोषणाएं कर सकते हैं. हम आपको बता रहे हैं 10 ऐसे बिंदु जिनकी लोगों को वित्त मंत्री से अपेक्षा रहेगी:
1. कैशलेस इकॉनमी को बढ़ोतरी: बजट में डेबिट या क्रेडिट कार्ड एवं मोबाइल वॉलेट से लेन-देन पर इनकम टैक्स में कुछ छूट दी जा सकती हैं. छोटे दुकानदारों को बायोमेट्रिक सेंसर समेत स्मार्ट फोन खरीदने के लिए कुछ सब्सिडी भी दी जा सकती है.
2. बेसिक इनकम स्कीम: देश में मौजूद गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम लागू की जा सकती है. इस योजना के तहत इन लोगों को हर महीने एक निश्चित रकम बतौर सैलरी दी जा सकती है. यह राशि 1200-1400 रुपये हो सकती है.
3. सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी: अभी सर्विस टैक्स की मौजूदा दर 14 प्रतिशत है जिस पर आधे-आधे फीसदी की दर से स्वच्छता और किसान कल्याण सेस लगाया जाता है. इससे सर्विस कर की प्रभावी दर 15 फीसदी हो जाती है. उम्मीद की जा रही है कि यह बढ़ कर 17 प्रतिशत हो सकती है.
4. आयकर सीमा बढाई जा सकती है: टैक्स चुकाने वालों के लिए भी इस बजट में विशेष घोषणा हो सकती है. कर सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख या इससे अधिक रुपये तक किया जा सकता है. ऐसा होने पर 5150 रुपये से 10300 तक की बचत हो सकती है.होम लोन के ब्याज को मिलाकर 6.5 लाख रुपए सालाना छूट मिलती है इसे बढ़ाकर 8 लाख रुपए किया जा सकता है.
5. होम लोन में छूट: होम लोन के लिए ब्याज की रकम पर छूट दो से बढ़ा कर ढाई लाख रुपये की जा सकती है. यह अपेक्षा की जा रही है कि होम लोन में पहले की अपेक्षा अधिक छूट दी जाएगी. यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि अरुण जेटली होम लोन में राहत की घोषणा करेंगे.यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि ब्याज भुगतान में कर की छूट पहली मासिक किश्त से ही शुरु कर दी जाए. अभी घर की चाबी मिलने के बाद ही यह छूट मिलती है. जिसमें अक्सर कई साल लग जाते हैँ. नोटबंदी के बाद घर खरीदने हेतु ब्याज दर में कमी आई है तथा अन्य घोषणाएं रियल एस्टेट में नयी जान फूंक सकती हैं.
6. भत्तों में छूट: मध्यम वर्ग के लिए वित्त मंत्री, धारा 80 सी के तहत ढाई लाख रुपये तक हो सकती है. फिलहाल यह छूट सिर्फ डेढ़ लाख रुपये है अर्थात् प्रत्येक स्लैब को पचास हजार टैक्स फ्री इनकम का लाभ हो सकता है.
7. किसानों के लिए विशेष: फसलों के लिए राष्ट्रीय एकीकृत बाज़ार विकसित किया जा सकता है जिससे पैदावार को सीधे बेचा जा सके तथा किसानों को अधिक मुनाफा मिले. यह भी अपेक्षा की जा रही है कि खाद और बीज पर सब्सिडी बढ़ायी जा सकती है तथा मिट्टी की उर्वरक क्षमता को को लेकर विशेष योजना की घोषणा हो सकती है.
8. मनरेगा में अधिक पैसा: ग्रामीण क्षेत्रों में विकास एवं बेरोजगार किसानों को रोजगार देने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा के तहत आवंटन राशि 43500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर कम से कम 50 हजार करोड़ रुपये की जा सकती है.
9. छोटे उद्यमों के लिए खास: इस बार के बजट में छोटे कारोबारियों को राहत देने की भी घोषणा की जा सकती है. उनके लिए वर्किंग कैपिटल लोन लेना और आसान बनाने का एलान किया जा सकता है.
10. उद्योग जगत के लिए: यह अपेक्षा की जा रही है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी किया जाएगा. पिछले वर्ष के बजट में यह कहा गया था कि कॉरपोरेट टैक्स को घटाया जायेगा. साथ ही विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों के लिए भी खुशखबरी हो सकती है.
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