केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 नवम्बर 2017 को नागरिक उड्डयन सहयोग के प्रोत्साहन हेतु भारत और पोलैंड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई. इस एमओयू पर दोनों देशों की सरकारों द्वारा उनकी मंजूरी के पश्चात दोनों देश हस्ताक्षर करेंगे.
इस एमओयू का उद्देश्य भारत में क्षेत्रीय हवाई संपर्क स्थापित करने और सुधार करने में विशिष्ट महत्व वाले नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में सहयोग के आपसी लाभ की पहचान करना है. इस एमओयू की अवधि पांच वर्ष की होगी.
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इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
- इसके अलावा दोनों पक्ष पर्यावरण जांच या अनुमोदनों, फ्लाइट सीम्युलेटरों मॉनिटरिंग और अनुमोदन, हवाई जहाज अनुरक्षण सुविधा अनुमोदन, कार्मिक अनुरक्षण अनुमोदन और हवाई दल सदस्य और अनुमोदन के आपसी लाभों की भी पहचान करेगा.
- भारत और पोलैंड के बीच में सहयोग को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकने वाले किसी भी कानूनी और प्रक्रियागत मामले की समीक्षा करके नागरिक उड्डयन बाजार को सहायता करना.
- हवाई यातायात की रक्षा और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उड्डयन विनियमों, क्षेत्रीय हवाई संचालन, उड़ान योग्यता जरूरतें और सुरक्षा मानकों से संबंधित मंत्रालयों और संबंधित नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों के बीच सूचना और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करना.
- उड्डयन सुरक्षा पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन, सुरक्षा निरीक्षण, उड़ान योग्यता, लाइसेंसिंग, वैधानीकरण और प्रवर्तन जैसे विषयों पर सहयोग या संयुक्त विकास करना.
- उड्डयन संबंधित परामर्श, सिविल एविएशन के क्षेत्र से संबंधित पक्षों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के सहयोग के साथ उड्डयन सुरक्षा जैसे कार्यकलापों पर सम्मेलनों और व्यावसायिक संगोष्ठियों, परिचर्चाओं का संयुक्त आयोजन करना.
- दोनों देशों के आपसी हितों के विकास से संबंधित मंत्रालयों और नागरिक उड्डयन सुरक्षा के बीच सूचना और ज्ञान के आदान-प्रदान करना तथा विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए नियमित संवाद या बैठकों का आयोजन.
- आपसी हितों के उड्डयन सुरक्षा से संबंधित विषयों और मुद्दों पर अनुसंधान और अध्ययन का सहयोग करना.
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