केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 22 मार्च 2017 को भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) तथा यूएस होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑन को-ऑपरेशन के मध्य साइबर सुरक्षा हेतु समझौता ज्ञापन को मंजूरी प्रदान की.
इस समझौता ज्ञापन पर 11 जनवरी 2017 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किये गये थे.
इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के मध्य साइबर सुरक्षा को लेकर जानकारी का आदान-प्रदान करने तथा प्रासंगिक कानूनों, नियम और विनियमों, समानता, पारस्परिकता और पारस्परिक लाभ के आधार पर सहयोग करना है.
भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम
• यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित संगठन है.
• यह एक नोडल एजेंसी है जो हैकिंग और फ़िशिंग जैसी साइबर सुरक्षा खतरों पर काम करती है.
• यह भारतीय इंटरनेट डोमेन की साइबर सुरक्षा को मजबूत करती है.
• दिसंबर 2013 में संगठन ने बैंकिंग और वित्त, तेल और गैस तथा आपात सेवाओं जैसे सरकारी संगठनों पर साइबर हमलों में हो रही वृद्धि की सूचना दी थी.
• मार्च 2014 में संगठन ने बताया कि एंड्राइड जेली बीन के वीपीएन से देश में साइबर सुरक्षा को खतरा है.
पृष्ठभूमि
19 जुलाई 2011 को संयुक्त राज्य अमेरिका एवं भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा हेतु संगठित रूप से काम करने का निर्णय लिया. जुलाई 2011 से सर्ट-इन तथा यूएस-सर्ट साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर जानकारी साझा कर रहे हैं तथा विभिन्न समस्याओं को सुलझा रहे हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation