केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ओडिशा की अनुसूचित जातियों की सूची को संशोधित करने हेतु अनुसूचित जाति संवैधानिक आदेश, 1950 और केन्द्र शासित प्रदेश पांडिचेरी का नाम बदलकर पुड्डेचेरी करने के लिए (पांडिचेरी) अनुसूचित जाति आदेश, 1964 में संशोधन को 01 फरवरी 2017 को मंजूरी दे दी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी. संशोधित रूप में यह आदेश अनुसूचित संविधान आदेश विधेयक, 2017 के रूप में संसद में पारित होने के लिए पेश किया जाएगा.
आदेश में संशोधन करते हुए सुआलगिरि, स्वालगिरि को सबाखिया के नाम से ओडिशा की अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया गया है.
1 अक्टूबर 2016 में पांडिचेरी अधिनियम, 2006 में केन्द्र शासित प्रदेश पांडिचेरी का नाम बदलकर पुड्डुचेरी रखा गया और इसके लिए पुड्डुचेरी अनुसूचित जाति संवैधानिक आदेश, 1964 में संशोधन किया गया है.
अनुसूचित जाति के बारे में:
अनुसूचित जाति हजारों वर्षों तक अस्पृाश्यद या अछूत समझी जाने वाली उन तमाम शोषित जातियों के लिए सामूहिक रूप से प्रयुक्तस होता है जो हिंदू धर्म शास्त्रों द्वारा हिंदू समाज व्यिवस्थाू में सबसे निचले पायदान पर स्थित है.
भारतीय जनगनणा वर्ष 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्याल में लगभग 16.6 प्रतिशत या 20.14 करोड़ आबादी अनुसूचित जाति की है.
भारत में अनुसूचित जाति आंदोलन की शुरूआत ज्योतिराव गोविंदराव फुले के नेतृत्व में हुई. भारतीय समाज में वाल्मी्कि या भंगी को सबसे नीची जाति समझा जाता रहा है.
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