केंद्र सरकार ने 28 जून 2016 को गैर योजनागत योजनाओं/परियोजनाओं की मंजूरी के लिए सक्षम अधिकारियों के वित्तीय सीमा में संशोधन किया.
संबंधित मुख्य तथ्य:
संशोधित नियम के अनुसार गैर-योजना व्यय (सीएनई) पर बनी समिति, जो केन्द्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों से जुड़े सभी गैर-योजना प्रस्तावों का मूल्यांकन करती है, वह अब 300 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली प्रस्तावों का मूल्यांकन करेगी. इससे पहले यह सीमा 75 करोड़ रुपये थी.
गैर-योजनागत योजनाएं/300 करोड़ रुपये से कम की योजनाओं का मूल्यांकन अब मंत्रालय/वित्त मंत्रालय की स्टैंगडिंग कमेटी द्वारा किया जा सकता है.
गैर-योजनागत योजनाओं/परियोजनाओं के अनुमोदन के लिए प्रशासनिक मंत्रालय के प्रभारी मंत्री की वित्तीय शक्तियों को भी बढ़ाया गया है.
उनके तरफ से 500 करोड़ रुपये तक की योजनाओं को मंजूरी दी जा सकती है. इससे पहले यह सीमा 150 करोड़ रुपये से कम थी.
500 करोड़ रुपये या उससे अधिक और 1000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं के लिए वित्त मंत्री के पास ही वित्तीय अनुमोदन का अधिकार होगा.
1000 करोड़ रुपये और उससे ऊपर की वित्तीय सीमा के लिए कैबिनेट/आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति से अनुमोदन लेना पड़ेगा.
इसी तरह मूल्यांकन और लागत अनुमान में वृद्धि की स्वीकृति संबंधी वित्तीआय सीमाओं में भी संशोधन किया गया है.
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