स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने 21 मार्च 2016 को क्षय रोग (टीबी) से निपटने के लिए नई पहल आरंभ की.
यह नई पहलें 24 मार्च को मनाये जाने वाले क्षय दिवस से पहले जारी की गयीं.
बीडाक्विलिन दवा का शुभारंभ
• नड्डा ने टीबी की नई दवा बीडाक्विलिन का शुभारंभ किया.
• यह दवा एमडीआर-टीबी के इलाज के लिए नई तपेदिक रोधी दवा है.
• दवा का यह नया वर्ग डायरिलक्विनोलिन है जो माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस और अन्य माइक्रोबैक्टीरिया को ऊर्जा की आपूर्ति के लिए जरूरी एंजाइम, माइक्रोबैक्टीरियल एटीपी सिंथेज को विशेष रूप से निशाना बनाती है.
• बीडाक्विलिन का इस्तेमाल देश भर में छह विशेष तृतीयक देखभाल केंद्रों (टर्शरी केयर सेंटर) में शुरू किया जा रहा है.
500 से अधिक कारट्रिज आधारित न्यूक्लिक एसिड एम्प्लिफिकेशन टेस्ट (सीबीएनएएटी) मशीनें
• यह एक बेहद संवेदनशील जांच उपकरण है और इसे परिष्कृत बुनियादी ढांचे या विशेष प्रशिक्षण के बगैर ही दूरदराज के इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
• यह परीक्षण पूरी तरह से स्वचालित है और इसके नतीजे दो घंटे के भीतर मिल जाते हैं.
• यह मशीनें देश में कार्यरत 121 मशीनों के अतिरिक्त हैं.
एआरटी कार्यक्रम का शुभारंभ
• एचआइवी से ग्रस्त लोगों के लिए तीसरी कतार के एआरटी कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया.
• इन्हें नि:शुल्क उपलब्ध कराकर न केवल जीवन सुरक्षित हो सकेगा, बल्कि रोगियों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में भी सुधार आयेगा.
इसके अतिरिक्त मंत्री ने टीबी इंडिया-2016 वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की एवं भारत-2016 टीबी नियंत्रण के लिए तकनीकी और परिचालन दिशानिर्देश भी जारी किये.
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