उत्तर प्रदेश सरकार ने लाउडस्पीकर के उपयोग हेतु नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिर-मस्जिद में बिना इजाजत लाउड स्पीकर बजाने वाले को कैद हो सकती है. साथ ही यदि शादी में बिना इजाजत लाउडस्पीकर बजाया गया तो दूल्हा जेल जा सकता है.
उत्तर प्रदेश गृह विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी सहित सभी जिलों के जिला न्यायाधीशों को पत्र भेजकर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने के बाद रिपोर्ट मांगी है.
मुख्य बिंदु
• बिना अनुमति के लगाये गए लाउडस्पीकर हटाये जाएंगे. सभी को अनुमति 15 जनवरी तक ले लेनी होगी. किसी भी संस्थान को 15 जनवरी के बाद अनुमति नहीं दी जाएगी.
• इसके बाद 16 जनवरी से जिलों में अभियान चलाकर बिना अनुमति के चलाए जा रहे लाउडस्पीकर हटाए जाने शुरू किए जाएंगे.
• यह अभियान 20 जनवरी तक चलेगा और फिर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.
• इसके बाद शासन के आदेशानुसार अगली कार्रवाई की जाएगी.
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पृष्ठभूमि
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिसंबर 2017 में धार्मिक स्थलों में बज रहे लाउडस्पीकरों पर कड़ी नाराजगी जताई थी. हाई कोर्ट ने इस मामले में उच्चाधिकारियों को फटकार लगाकर कार्रवाई के लिए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. यह आदेश मोतीलाल यादव की तरफ से दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिया था.
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोइन की बेंच ने कहा था कि प्रमुख सचिव गृह, सिविल सचिवालय और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अलग-अलग व्यक्तिगत हलफनामा देकर छह हफ्ते में बताएं कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया. इस मामले की अगली सुनवाई 1 फरवरी 2018 को होगी.
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