अमेरिका ने हाल ही में रूसी सैन्य साजोसामान के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस फैसले से एशिया के आसपास के अन्य अमेरिकी सहयोगियों की हथियारों की खरीद पर रोक लग सकता है.
इसके मुताबिक, अगर कोई भी देश रूस से साथ रक्षा और खुफिया क्षेत्र में काम करेगा तो उसे भी प्रतिबंध झेलने होंगे.
क्यों है रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हस्ताक्षर किए गए एक कानून के मुताबिक, रूस के डिफेंस और इंटेलिजेंस सेक्टर में व्यापार करने वाले किसी भी देश को इस प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा.
दरअसल, यह कानून रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सजा देने के लिए लाया गया है. रूस पर वर्ष 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने, सीरिया के गृहयुद्ध में शामिल होने और अमेरिका के वर्ष 2016 के चुनाव में दखल देने का आरोप है.
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भारत पर पड़ेगा बड़ा असर:
रूस दुनिया दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है. अमेरिका के इस प्रतिबंध से भारत पर बड़ा असर पड़ेगा. भारत रूस से लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली 5 मिसाइल प्रणाली एस-400 खरीदना चाहता है. यह प्रणाली चीन के स्टील्थ विमानों और बैलेस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा करने में सक्षम है. भारतीय सेना के मुताबिक, यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम सेना के लिए गेम चेंजर हो सकता है. यह सौदा अमेरिकी प्रतिबंध कानून की वजह से टल सकता है.
रूस के सैन्य निर्यात पर अमेरिका की ओर से प्रतिबंध लगाए के कारण भारत के साथ होने वाली करीब 39, 861 करोड़ रुपये की डिफेंस डील को झटका लग सकता है. भारत और अमेरिका के जिस तरह से रिश्ते मजबूत हुए है उसके कारण इस भारतीय रक्षा क्षेत्र को नुक्सान झेलना पड़ रहा है.
भारत के लिए कितना अहम् है एस-400 मिसाइल डील:
मिसाइल प्रणाली एस-400 भारत की रक्षा छेत्र में एक अहम् सौदा होने वाला था. यह मिसाइल भारत के मुख्य विरोधी पाकिस्तान और चीन की क्षमताओं को सीधा टक्कर देता. यह मिसाइल हवा में ही बैलिस्टिक मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को उड़ा सकता है.
अन्य सहयोगी देश पर भी बड़ा असर:
अमेरिका के क्षेत्रीय सहयोगी होने के बावजूद इंडोनेशिया और वियतनाम भी रूस से हथियार खरीदते हैं. हाल ही में जकार्ता ने रूस से सुखोई फाइटर्स की बड़ी डील की है। वहीं वियतनाम रूस से जेट युद्धक विमान खरीदने की तैयारी कर रहा है. अब अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते यह सौदा भी टल सकता है.
सीरिया पर हमले के बाद दोनों देशों में तनाव:
हाल ही में अमेरिका द्वारा रूस के सहयोगी देश सीरिया में किए गए हवाई हमलों के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. सीरिया पर हुए रासायनिक हमले पर अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है. अमेरिका ने सीरिया पर हवाई हमला किया था. इस अमेरिकी कार्रवाई में फ्रांस और इंग्लैड भी शामिल थे. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर एयर स्ट्राइक का आदेश दिया था. सीरिया पर हवाई हमले से रूस और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के बीच टकराव होने की आशंका बढ़ गई. वहीं रूस ने चेतावनी दिया था कि वो अमरीकी मिसाइलों को मार गिराएगा.
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भारत-अमेरिका सम्बन्ध:
भारत और अमरीका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, जिनमें काफी समानताएं हैं. भारत और अमरीका के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ता जा रहा है और आने वाले वर्षों में और अधिक बढ़ने की संभावना है. इसी प्रकार सैन्य सहयोग भी बढ़ा है. अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने वाले पहले अमरीकी राष्ट्रपति हैं, जिससे भारत और अमरीका के रिश्ते अब और ज्यादा मजबूत हुए हैं. अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. अमेरिका भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है.
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