अमेरिका ने 29 जनवरी 2018 को घोषणा की कि वह 11 ‘उच्च जोखिम’ वाले देशों के शरणार्थियों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा रहा है. हालांकि अमेरिका ने यह भी कहा कि अमेरिका में प्रवेश करने वालों की पहले की तुलना में बहुत मुश्किल जांच होगी. अर्थात् नए नियमों के तहत 11 देशों के नागरिकों को पहले से और अधिक कठोरता से जांच होगी.
मुख्य तथ्य:
• अमेरिका में प्रवेश पाने के लिए शरणार्थी आवेदकों को अपने जीवन की विस्तृत जानकारी देनी होगी. उन्हें अपनी पूर्व की गतिविधियों के साक्ष्य भी पेश करने होंगे. इसके अलावा उनके निजी इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों और सोशल मीडिया अकाउंटों को भी खंगाला जाएगा.
• जिन देशों के शरणार्थियों पर बैन लगाया गया है वे मिस्र, ईरान, इराक, लीबिया, माली, उत्तर कोरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया और यमन हैं.
• उच्च जोखिम सूची की समीक्षा प्रत्येक छह महीनों में की जाती है और अमेरिका के लिए सुरक्षा खतरे की समीक्षा के आधार पर किसी देश को जोड़ा या हटाया जाता है.
पृष्ठभूमि:
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही शरणार्थी नियमों में बदलाव किये थे और अमेरिका आने वालों की संख्या लगभग आधी कर दी थी. और अक्टूबर 2017 में 11 देशों के शरणार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद सभी देशों के आप्रवासियों और शरणार्थियों पर बहुत कठिन रुख अपनाया है. बराक ओबामा ने 2017 के लिए 1,10,000 शरणार्थियों की सीमा तय की थी. इस साल शरणार्थियों की अमेरिका आने की तुलना पिछले वर्ष के मुकाबले कम हो सकती है.
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