अमेरिकी सीनेट ने तीन महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर तीन भारतीय-अमेरिकी नागरिकों की नियुक्ति को आम सहमति से मंजूरी दे दी है. हालांकि इनमें ट्रंप प्रशासन के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी पर विशेष अधिकारी (जार) की नियुक्ति भी शामिल है.
यह नियुक्ति भारत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देशों में इस मुद्दे को लेकर मतभेद रहता है. सीनेट ने फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमीशन के सदस्य के रूप में नील चटर्जी और ट्रंप प्रशासन के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एन्फोर्समेंट कोऑर्डिनेटर के रूप में विशाल अमीन की नियुक्ति को मंजूरी दी है. वहीं, कृष्ण उर्स को पेरू में राजदूत नियुक्त किया गया है. निक्की हेली के बाद उर्स राजदूत के रूप में नियुक्ति पाने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी हैं.
नए आईपी जार के रूप में अमीन की जिम्मेदारी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के मामलों का संयोजन करने की होगी. गौरतलब है कि विभिन्न वस्तुओं के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार को लेकर भारत और अमेरिका के बीच लगातार खींचतान चलती रहती है. नील चटर्जी ने मैककोनेल की सेवा करने से पहले, राष्ट्रीय ग्रामीण इलेक्ट्रिक कोऑपरेटिव एसोसिएशन के लिए सरकारी संबंधों में एक प्रिंसिपल के रूप में काम किया.
कृष्ण उर्स ने आर्थिक मुद्दों में विशिष्ट किया है और दक्षिण अमेरिका के एंडीन क्षेत्र में व्यापक नीति अनुभव विकसित किया है. उन्होंने वॉशिंगटन, डीसी में सात संयुक्त राज्य दूतावासों के साथ ही वरिष्ठ नेतृत्व की स्थिति में काम किया है.
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