अमेरिकी सीनेट ने भारत को नाटो सहयोगी देश जैसा दर्जा देने का विधेयक पारित किया

Jul 2, 2019, 18:31 IST

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट से पारित होने के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेगा. भारत को रक्षा सहयोग में इसके कानून बनने से काफी सहूलियत होगी.

US Senate passes legislative provision to give India NATO ally-like status
US Senate passes legislative provision to give India NATO ally-like status

अमेरिकी सीनेट ने हाल ही में भारत को नाटो सहयोगी देश जैसा दर्जा देने के लिए एक विधेयक को पारित किया है. अमेरिका अब रक्षा संबंधों के मामले में भारत के साथ नाटो के अपने सहयोगी देशों, इजरायल और साउथ कोरिया की तर्ज पर ही समझौता करेगा.

वित्त वर्ष 2020 के लिए नैशनल डिफेंस ऑथराइजेशन ऐक्ट को अमेरिकी सेनेट ने पिछले सप्ताह मंजूरी दी थी. यह विधेयक भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों के बराबर का दर्जा देता है. इससे पहले यह दर्जा अमेरिका इजराइल और दक्षिण कोरिया को दे चुका है.

मुख्य बिंदु:

   अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट से पारित होने के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेगा. भारत को रक्षा सहयोग में इसके कानून बनने से काफी सहूलियत होगी.

   सेनेटर जॉन कॉर्निन और मार्क वॉर्नर की ओर से पेश किए गए विधेयक में कहा गया है कि हिंद महासागर में भारत के साथ मानवीय सहयोग, आतंक के खिलाफ संघर्ष, काउंटर-पाइरेसी और मैरीटाइम सिक्यॉरिटी पर काम करने की जरूरत है.

•   पिछले हफ्ते हाउस इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष ब्रैड शेरमैन, सांसद जोए विल्सन, ऐमी बेरा, टेड योहो, जॉर्ज होल्डिंग, एड केस एवं राजा कृष्णमूर्ति के साथ मिलकर सदन में विधायी प्रस्ताव पेश किया था जिससे भारत एवं अमेरिका के रिश्‍तों में मजबूती आएगी. 

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नाटो क्या है?

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) विभिन्न देशों का रक्षा सहयोग संगठन है. इसकी स्थापना 04 अप्रैल 1949 को हुई थी. इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में है. नाटो के सदस्य देशों की संख्या आरम्भ में 12 थी जो अब बढ़कर 29 हो चुकी है. नाटो का सबसे नया सदस्य देश मोंटेनिग्रो है. यह 5 जून 2017 को नाटो का सदस्य बना था. नाटो के सभी सदस्यों की संयुक्त सैन्य खर्च विश्व के कुल रक्षा खर्च का 70 प्रतिशत से अधिक है.

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पृष्ठभूमि

इस विधेयक से भारत को अत्याधुनिक हथियार एवं संवेदनशील तकनीक देने का रास्ता साफ हो जाएगा. अमेरिका ने भारत को साल 2016 में बड़ा रक्षा साझीदार माना था. इसमें भारत को अमेरिका के बड़े रक्षा सहयोगी से ऊपर का दर्जा देने का प्रावधान है. भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में काफी मदद मिल रही है. अमेरिका के करीबी देशों की तरह ही भारत उससे हथियारों और तकनीक की खरीद कर सकता है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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