संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में एक भारतीय नागरिक के खिलाफ मुकदमा चलाने की पाकिस्तान की कोशिश को अमेरिका ने ख़ारिज कर दिया है.
पाकिस्तान कथित रूप से संबंधित भारतीय नागरिक के खिलाफ आवश्यक सबूत पेश करने में विफल रहा जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को रोका और समाप्त कर दिया, जिससे पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा.
मुख्य विशेषताएं
• पाकिस्तान एक भारतीय नागरिक को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल करने पर जोर दे रहा है, जिसे वह अपनी धरती पर आतंकवादी हरकतों से जोड़कर आरोपित करने का प्रयास कर रहा है.
• हालांकि, यह देश किसी भी आतंकवादी समूह के साथ भारतीय नागरिक को जोड़ने के लिए कोई भी नया सबूत पेश करने में विफल रहा.
• संबंधित भारतीय नागरिक कथित तौर पर अफगानिस्तान में सक्रिय एक भारतीय निर्माण कंपनी में एक इंजीनियर के तौर पर काम करता है.
• अमेरिका ने सितंबर 2019 में ’तकनीकी प्रक्रिया के आधार’ पर पाकिस्तान के आतंक-आरोप प्रस्ताव को रोक रखा था, जिससे इस देश को अपने आरोपों को साबित करने के लिए और अधिक सबूत प्रदान करने के लिए कहा जा सके.
• हालांकि, भारतीय नागरिक के खिलाफ कोई नया सबूत पेश करने में पाकिस्तान के विफल होने के बाद, अमेरिका ने औपचारिक रूप से सभी UNSC सदस्य देशों को सूचित किया है कि आधिकारिक रूप से इस प्रस्ताव को रोक और समाप्त कर रहा है.
वह भारतीय नागरिक कौन है?
वे भारतीय नागरिक, जिनके खिलाफ पाकिस्तान सबूत जुटाने का प्रयास कर रहा है, वेणु माधव डोंगरा हैं, जो अफगानिस्तान में सक्रिय एक भारतीय निर्माण कंपनी के इंजीनियर हैं. डोंगरा उन चार भारतीय नागरिकों में से एक हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में आतंकी हमलों के साथ जोड़ा था.
पाकिस्तान ने डोंगरा पर एक "काल्पनिक" डोजियर तैयार किया था जिसमें उसने आतंकी हमलों के वित्तपोषण और उसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जैसे समूहों के साथ जोड़ने का आरोप लगाया था. अफगानिस्तान में एक ही भारतीय फर्म में काम करने वाले अन्य तीन भारतीय नागरिकों के खिलाफ भी इसी तरह के आरोप लगाए गए थे जिसके बाद ये सभी चार भारतीय वापस आ गए.
पाकिस्तान भारतीय नागरिक को आरोपित करने का प्रयास क्यों कर रहा है?
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाने के बाद भारतीय आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए पाकिस्तान ने प्रयास किया. हालांकि पाकिस्तान के सहयोगी देश चीन ने पिछले चार मौकों पर JeM चीफ पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया था. लेकिन अंत में, मई 2019 को अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के तौर पर सूचीबद्ध करने के लिए चीन अन्य UNSC सदस्य देशों के सामने झुक गया.
भारत वर्ष 2001 के संसदीय हमले, वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले, वर्ष 2016 के पठानकोट हमले और वर्ष 2019 के पुलवामा हमले में इसकी भूमिका के लिए JeM प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहा था. चीन को अज़हर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को न रोकने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि उसने न केवल आतंकवादी हमलों का संचालन किया था, बल्कि वह जैश-ए-मोहम्मद को भी दुरुस्त कर रहा था, जो पहले से ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन के तौर पर नामित है.
इसलिए, भारतीय नागरिक को दोषी ठहराते हुए, पाकिस्तान भारत के साथ नैतिक संतुलन बनाने का प्रयास कर रहा था और यह साबित कर रहा था कि भारत भी एक आतंकी देश है, लेकिन पाकिस्तान के बार-बार किए गए प्रयासों को संयुक्त राज्य अमेरिका ने रोक दिया गया और अंत में इसका प्रस्ताव रद्द कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) 1267 प्रतिबंध समिति की स्थापना अफगानिस्तान में संचालित आतंकवादी समूहों जैसे आईएसआई, अल-कायदा और अन्य आतंकी संगठनों की निगरानी करने के लिए की गई थी. इस समिति में अमेरिका, यूके, चीन, फ्रांस और रूस सहित पांच स्थायी सदस्य हैं और 10 गैर-स्थायी सदस्य हैं.
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