ट्रंप प्रशासन ने 12 अगस्त 2019 को कानूनी आव्रजकों के अमेरिकी नागरिक बनने की राह को और ज्यादा मुश्किल बनाते हुए कहा कि ‘फूड स्टांप’ या ‘हाउसिंग असिस्टेंस’ जैसी सार्वजनिक सुविधाओं का लाभ लेने वालों को ग्रीन कार्ड देने से इनकार किया जा सकता है.
ट्रंप प्रशासन ने अवैध आव्रजन रोकने हेतु यह नई नियम बनाए हैं. नये नियम 15 अक्टूबर से लागू हो जाएगा. अमेरिका में खाद्यान्न, चिकित्सा, आवास और लोक कल्याण की कई सरकारी योजनाओं का लाभ अमेरिकी निवासियों को मिलता है.
नये नियम के तहत ग्रीन कार्ड:
नये नियम के तहत ग्रीन कार्ड के लिए आवेदक की वित्तीय स्थिति, आयु, शिक्षा और उसके अंग्रेज़ी की जानकारी के स्तर को आधार मानकर फ़ैसला लिया जाएगा. किसी एक मानदंड को आधार मानकर मामले पर विचार मुख्य रूप से नहीं होगा.
अमेरिका की आव्रजन व्यवस्था
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप वैध और अवैध आव्रजन को कम से कम करना चाहते हैं. वह आव्रजन को अमेरिका के हित हेतु इस्तेमाल करना चाहते हैं. मेक्सिको सीमा पर दीवार का निर्माण भी राष्ट्रपति ट्रंप की इसी नीति का हिस्सा है. वे इसके जरिये मेक्सिको से होने वाली घुसपैठ पर रोक लगाना चाहते हैं.
ग्रीन कार्ड क्या है? |
ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने तथा काम करने की अनुमति देता है. एच-1बी वीजा पर यहां आने वाले भारतीय आइटी पेशेवरों को ग्रीन कार्ड पर लगी सीमा के कारण से सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता है. भारतीय पेशेवरों इस सीमा के कारण को ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल तक इंतजार करना पड़ जाता है. यह इंतजार कुछ मामलों में 50 साल से भी ज्यादा का हो जाता है. |
ट्रम्प प्रशासन के नए नियम का प्रभाव
इस नियम का प्रभाव वीजा बढ़ाने हेतु आवेदन करने वालों पर पड़ सकता है. हालांकि जिन लोगों को पहले से ग्रीन कार्ड मिल चुका है उन लोगों पर नए नियमों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. नए नियम शरणार्थी कैंपों में रहने वाले लोगों पर भी लागू नहीं होंगे. एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 2.2 करोड़ आप्रवासी हैं. इन आप्रवासी लोगों पर नए नियमों का असर देखने को मिलेगा.
इस नियम के बदलाव से सरकारी सुविधाओं पर एक साल से ज़्यादा समय तक आश्रित रहने वाले आप्रवासी प्रभावित होंगे. नए नियम का असर कम आमदनी करने वाले भारतीयों पर भी पड़ सकता है. इस नए नियम के अंतर्गत, वे लोग जिनकी आय ज़रूरी मानदंड के तहत नहीं होगी या फिर जो सरकारी मदद जैसे खाद्य मदद, सरकारी अस्पतालों या फिर सरकारी घरों की चाहत रखेंगे, उन्हें भविष्य में अमरीका में प्रवेश करने की इजाज़त मिलना बहुत मुश्किल हो सकता है.
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