अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 अक्टूबर 2018 को यह घोषणा की है कि अमेरिका रूस के साथ दशकों पुरानी इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस (आईएनएफ) संधि से अलग हो जायेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से यह बात नेवादा में होने वाली एक रैली के लिए निकलने से पहले की. उन्होंने आरोप लगाया कि रूस संधि का उल्लंघन कर रहा है. इस संधि के तहत एक खास श्रेणी के परमाणु हथियारों को समाप्त करने की व्यवस्था है.
प्रमुख तथ्य
• यह संधि अमेरिका और यूरोप और सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है.
• यह संधि अमेरिका और रूस को 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली जमीन से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती है.
• इसमें सभी जमीन आधारित मिसाइलें शामिल हैं.
• मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि की अवधि अगले दो साल में खत्म होनी है.
• रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के साथ ऐतिहासिक परमाणु संधि से अलग होने का अमेरिका का कदम अकेले वैश्विक महाशक्ति बनने के सपने से प्रेरित है.
संधि का महत्व |
|
संधि से अलग होने का कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि जब तक दूसरे देश इसका उल्लंघन करते रहेंगे तब तक अमेरिका इस समझौते का पालन नहीं करेगा. इस बीच, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के साथ ऐतिहासिक परमाणु संधि से अलग होने का अमेरिका का कदम अकेले वैश्विक महाशक्ति बनने के सपने से प्रेरित है. ट्रंप ने कहा कि जब तक रूस और चीन हमारे पास नहीं आते और यह नहीं कहते कि उन हथियारों का निर्माण नहीं करेंगे, तब तक हमें उन हथियारों को बनाना होगा. अगर रूस और चीन यह कर रहे हैं, और हम समझौते का पालन कर रहे हैं तो यह अस्वीकार्य है.
आईएनएफ संधि |
इंटरमीडिएट रेंज परमाणु बल संधि (आईएनएफ संधि) संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच इंटरमीडिएट-रेंज और शॉर्ट-रेंज मिसाइलों के उन्मूलन पर संधि का संक्षिप्त नाम है जो 1987 में हस्ताक्षरित की गई. 8 दिसंबर 1987 को राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव ने वाशिंगटन, डीसी में इस संधि पर हस्ताक्षर किए. इस संधि को 27 मई 1988 को संयुक्त राज्य अमेरिका सीनेट द्वारा अनुमोदित किया गया और 1 जून 1988 को लागू किया गया. |
यह भी पढ़ें: चीन द्वारा वर्ष 2020 तक कृत्रिम चंद्रमा लॉन्च किये जाने की घोषणा
Comments
All Comments (0)
Join the conversation