उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 25 मई 2017 को जल दिवस के अवसर पर देहरादून में जल संचय एवं जल संरक्षण-संवर्द्धन अभियान का शुभारंभ किया.
मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण पर आधारित सूचना विभाग द्वारा निर्मित एक लघु फिल्म का अवलोकन, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जल सरंक्षण के लिए तैयार प्रचार सामग्री का विमोचन तथा जल संचय एवं संरक्षण के लिए दो जल संचय प्रचार रथों को गढ़वाल और कुमाऊॅ मण्डल हेतु रवाना किया.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 मई 2017 से 30 जून 2017 तक चलने वाला यह विशेष अभियान मुख्यतः जल संचय, जल सरंक्षण और जन चेतना एवं जागरूकता का अभियान है.
• मुख्यमंत्री ने सदस्यों से आवासीय परिसर में लगाए वर्षा जल संचयन प्रणाली के लिए आग्रह किया है.
• यदि सरकारें एवं संस्थायें आम आदमी को जल संचय का महत्व समझाने में सफल रहती है तभी यह अभियान सफल माना जाएगा.
• उत्तराखंड में 1.10 करोड़ की आबादी है, जिसमें 20 लाख शौचालय है. प्रति व्यक्ति शौचालय प्रयोग के दौरान एक दिन में करीब 7 से 10 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है. यदि प्रत्येक व्यक्ति एक लीटर पानी भी रोज बचाता है तो हम लगभग 1 करोड़ लीटर पानी बचा सकते है. यह एक बड़ी उपलब्धि होगी.
• मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के समय हमारे जल स्रोतों से 72 एमएलडी जल प्रवाहित होता था जो कि वर्तमान में लगभग 40 एमएलडी हो गया है. साथ ही राज्य की आबादी भी पांच गुना बढ़ गई है, परन्तु जल आपूर्ति आधी हो गई है. जल स्रोतों को पुर्नजीवित कैसे किया जाय इसके प्रयास करने होंगे.
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