Him Prahari scheme: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 05 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना (Him Prahari scheme) लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुलाकात के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने 5 अप्रैल 2022 को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें राज्य में हो रहे विकास कार्यों से जुड़े अहम अपडेट दिए. धामी ने अमित शाह से मुलाकात के दौरान बॉर्डर ज़िलों में ‘हिम प्रहरी योजना’ को लागू किए जाने के संबंध में बातचीत की.
निर्भया फंड बहुत अहम
मुख्यमंत्री धामी ने शाह से राज्य की पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण हेतु 20 से 25 करोड़ रुपये प्रत्येक साल पैकेज की मांग भी की. वहीं, अपराध से पीड़ित महिलाओं के राहत एवं पुनर्वास के लिए निर्भया फंड बहुत अहम है. उन्होंने राज्य में चल रहे विकास कार्यों जैसे राज्य की सीमा से लगे क्षेत्रों में ‘हिम प्रहरी योजना’ को लागू करने में केंद्र सरकार का सहयोग मांगा है.
हिम प्रहरी योजना क्या है?
उत्तराखंड के सीमांत ज़िलों अर्थात अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ जैसे ज़िलों में पलायन को रोकने एवं देश की सुरक्षा के हिसाब से वहां भारतीय आबादी को बसाने की एक योजना है. चम्पावत एवं ऊधम सिंह नगर के खटीमा के ग्रामों से भी हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत और बचाव कार्यों के लिए पुलिस, आईटीबीपी एवं एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल या हिम प्रहरी दल बनाए जाने का प्रस्ताव है.
इन दलों में शामिल लोगों को एक निश्चित रकम मानदेय के रूप में दिए जाने का प्रस्ताव है. इससे सरकार पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रुपए के खर्च का बोझ आएगा. मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र से सहायता मांगी है. उन्होंने साथ ही पुलिस बल के लिए भी सहायता मांगी और गौरतलब ये है कि केंद्र से पुलिस फोर्स के लिए हाल में पांच करोड़ का फंड मंज़ूर किया गया है.
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