मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दिग्गज नेता व पश्चिम बंगाल के पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निरूपम सेन का 24 दिसंबर 2018 को निधन हो गया. वे 72 साल के थे. वे पिछले दो साल से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे.
निरूपम सेन को वर्ष 2013 में ब्रेन अटैक हुआ था, जिसके बाद वह मल्टी ऑर्गन फेलियर से गुजर रहे थे. उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
भट्टाचार्य एवं सेन के नेतृत्व में ही वाममोर्चा ने राज्य में औद्योगीकरण का अभियान शुरू किया था और निजी निवेश की प्रक्रिया शुरू की थी. नीति में इस बदलाव ने उन्हें काफी फायदा पहुंचाया. वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा को जबर्दस्त जीत हासिल हुई थी.
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निरूपम सेन के बारे में:
• निरूपम सेन का जन्म 08 अक्टूबर 1946 को हुआ था.
• निरूपम सेन ने वर्ष 2001 और 2006 में बर्दवान दक्षिण सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे.
• निरुपम सेन को बुद्धदेव भट्टाचार्य शासन के दौरान बंगाल में औद्योगिक सुधार अभियान की जिम्मेदारी दी गई थी और उसके बाद उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई थी. पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की सरकार में उनकी अहम भूमिका थी.
• वे जब पश्चिम बंगाल में उद्योग मंत्री थे तब उन्होंने कई औद्योगिक परियोजनाओं की शुरुआत की थी.
• सेन पूर्व में पोलित ब्यूरो के सदस्य भी रहे.
• सेन को बंगाल के औद्योगिक सुधारों का जनक भी माना जाता है. सिंगुर और नंदीग्राम में औद्योगिक इकाई की स्थापना की शुरुआत उन्होंने ही की थी.
• साल 2015 में बुद्धदेव भट्टाचार्य के साथ ही निरुपम सेन ने भी पोलित ब्यूरो की सदस्यता छोड़ दी थी. इसके साथ ही शारीरिक अक्षमता के कारण पार्टी के अन्य पदों से भी इस्तीफा दे दिया था.
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