विजय दिवस 2020: प्रधानमंत्री मोदी ने 1971 की जंग के जांबाजों को दी सलामी

Dec 16, 2020, 11:13 IST

हर साल देश में 16 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध की जीत की याद और युद्ध में शहीद जवानों के सम्मान में विजय दिवस मनाया जाता है. 

Vijay Diwas
Vijay Diwas

विजय दिवस (vijay diwas) 2020: भारत में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस (vijay diwas) मनाया जाता है. भारत-पाकिस्तान के बीच साल 1971 में हुए युद्ध को आज 50 साल पूरे हो गए. साल 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के बाद बांग्लादेश एक नए राष्ट्र के रूप में सामने आया था.

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में हुए युद्ध के 50 साल होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल में स्वर्णिम विजय मशाल को प्रज्जवलित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान 1971 की जंग के जाबांजों को याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की.

विजय ज्योति यात्रा रवाना

पाकिस्तान पर इस ऐतिहासिक विजय को 16 दिसंबर को 50 साल पूरे हो जाएंगे. इस साल को भारत स्वर्णिम विजय वर्ष के तौर पर मना रहा है. विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे. जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देकर विजय ज्योति यात्रा को रवाना किया.

विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल देश में 16 दिसंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध की जीत की याद और युद्ध में शहीद जवानों के सम्मान में विजय दिवस मनाया जाता है. 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों ने भारत से बहादुर सैनिकों के सामने समर्पण कर दिया था. तब यह संघर्ष बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का परिणाम था. जब बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था. तब से देश में प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

नेशनल वॉर मेमोरियल को मंजूरी

भारत में हर 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भारत को पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में जीत मिली थी और एक देश के रूप में बांग्लादेश अस्तित्व में आया था. केंद्र सरकार ने साल 2015 में नेशनल वॉर मेमोरियल को मंजूरी दी थी. ये स्मारक देश के सैनिकों को समर्पित है. पहली बार साल 1960 में सशस्त्र बलों ने नेशनल वॉर मेमोरियल को बनाने का प्रस्ताव दिया था. इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति के पास ही ये नया स्मारक बनाया गया है. यह स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है.

युद्ध की शुरुआत

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कोलकाता में 03 दिसंबर 1971 को जनसभा कर रही थीं. पाकिस्तानी वायुसेना ने शाम के समय पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर, आगरा आदि सैन्य हवाई अड्डों पर बमबारी शुरू कर दी। सरकार ने जवाबी हमले की योजना बनाई. इसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों को धूल चटाई और बांग्लादेश नाम से एक नया देश विश्व के मानचित्र पर आया. पाकिस्तान ने 03 दिसंबर 1971 को लड़ाई की शुरुआत तो कर दी, लेकिन भारतीय सैनिकों के पराक्रम के आगे महज 13 दिनों में ही घुटने टेकने पड़े.

भारत ने पाकिस्तानी कार्रवाई के जवाब में उसके 15 हजार किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. यह युद्ध तब खत्म हुआ जब पाकिस्तानी सशस्त्र बल के तत्कालीन प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाज़ी ने अपने 93 हज़ार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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