केंद्र सरकार ने 26 जुलाई 2018 को वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के प्रस्तावित विलय को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही देश के सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी बनने का रास्ता भी साफ हो गया है.
दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के विलय को अंतिम मंजूरी तब दी है जब दोनों कंपनियों ने संयुक्त रूप से 7,268.78 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है. दोनों कंपनियों ने नकद में 3,926.34 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और 3,322.44 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दी है.
इससे पहले दूरसंचार विभाग ने 9 जुलाई 2018 को दोनों कंपनियों को सशर्त विलय की अनुमति दी थी.
मार्च 2017 में विलय की घोषणा की गई थी.
विलय से संबंधित मुख्य तथ्य:
- इन दो कंपनियों के विलय के बाद बनने वाली वोडाफोन आइडिया लिमिटेड नामक नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 35 प्रतिशत होगी और इसके सब्सक्राइर्ब्स की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी.
- विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी होगी जिसका मूल्य डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक (23 अरब डॉलर) होगा.
- नई कंपनी बनाने के बाद भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी नहीं रह जाएगी.
- संयुक्त उद्यम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 प्रतिशत और कुमारमंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तथा आइडिया के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 28.9 प्रतिशत होगी.
दूरसंचार क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण विलय:
केंद्रीय दूरसंचार विभाग ने 14 मई 2018 को टेलीनॉर इंडिया का भारती एयरटेल में विलय को मंजूरी दे दी थी. वर्ष 2017 में ही दोनों कंपनियों के बीच विलय पर सहमति हो गई थी. एयरटेल ने कहा था कि उसने नार्वे की इस बड़ी कंपनी के अधिग्रहण के लिए 'निश्चित समझौते' के तहत डील की है.
रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क सहित अन्य मोबाइल बिजनस असेट्स खरीदने का सौदा किया था. रिलायंस जियो ने 3.75 अरब डॉलर के सौदे में आरकॉम की वायरलेस परिसंपत्तियों का अधिग्रहण किया.
दूरसंचार कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज का विलय भारती एयरटेल में हुआ. इस सौदे को दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार बाजारों में से एक भारत में एकीकरण का एक और मजबूत संकेत माना गया. इस अधिग्रहण के बाद 40 मिलियन टाटा डोकोमो यूजर्स एयरटेल में स्विच कर दिए गए. सौदे के एक हिस्से के रूप में, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड व्यापार को 'नकद मुक्त और ऋण मुक्त' आधार पर भारती को स्थानांतरित कर देगा.
पृष्ठभूमि:
जियो के आने से पहले तक भारती एयरटेल के बाद भारतीय मोबाइल सेवा बाजार में दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन थी. जबकि आइडिया तीसरे नंबर पर थी. विलय को 26 जुलाई 2018 को अंतिम मंजूरी दे दी गयी है और औपचारिकताओं का अंतिम चरण पूरा करने के लिये कंपनियों को मंजूरी के लिये कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के सामने विवरण प्रस्तुत करना होता हैं.
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