पश्चिम बंगाल ने 26 मार्च 2017 को गोवा को हराते हुए 32वीं बार संतोष ट्रॉफी जीती.
पश्चिम बंगाल के मनवीर सिंह के 119वें मिनट में किए गए गोल की बदौलत फाइनल में गोवा को 1-0 से शिकस्त देते हुए संतोष ट्रॉफी अपने नाम की.
पश्चिम बंगाल का इस तरह वर्ष 2011 के बाद खिताब जीतने का छह साल का इंतजार खत्म हुआ. गोवा ने पिछली बार वर्ष 2009 में ट्राफी जीती थी. गोवा तीन बार टूर्नमेंट की मेजबानी कर चुका है तथा वह वर्ष 1972 में सेमीफाइनल और वर्ष 1996 फाइनल में पश्चिम बंगाल से हार गया था. उसने वर्ष 1990 में केरल के खिलाफ ट्रोफी जीती थी.
संतोष ट्रॉफी के बारे में:
• इंडियन फुटबाल एसोसिएशन ने वर्ष 1941 में संतोष ट्रॉफी फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरुआत की थी.
• इसे राज्य एवं सरकारी संस्थाओं के बीच खेला जाता है.
• स्वर्गीय मनमथा नाथ राय चौधरी ने महाराजा आफ संतोष जो कि अब (बांग्लादेश) क्षेत्र में पड़ता है, के नाम पर इसका नामकरण किया. इसे विजेता टीम को दिया जाता है.
• रनर अप को डॉ एस के गुप्ता की पत्नी की याद में आरंभ की गयी कमला गुप्ता ट्रॉफी दी जाती है. जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले को मैसूर फुटबॉल एसोसिएशन की ओर से संपंगी कप दिया जाता है. संपंगी मैसूर के प्रसिद्ध फुटबॉलर थे.
• सबसे अधिक पश्चिम बंगाल फाइनल में स्थान बनाकर 32 बार संतोष ट्रॉफी का खिताब जीती.
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