Kashi Vishwanath Dham Corridor: जानें काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की खासियत, जानें इसके बारे में सबकुछ

Dec 13, 2021, 15:38 IST

Kashi Vishwanath Dham Corridor: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर करीब सवा 5 लाख स्कवायर फीट में बनाया गया है. इसे लगभग 339 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसे बनने में करीब तीन साल लगे हैं.

What the Kashi Vishwanath Corridor Project entails in numbers
What the Kashi Vishwanath Corridor Project entails in numbers

Kashi Vishwanath Dham Corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर राष्ट्र को समर्पित कर दिया. सैकड़ों संतों और विशिष्ट लोगों की उपस्थिति में बाबा के धाम में बना कॉरिडोर लोकर्पित हुआ. लोकर्पाण से पहले धाम पर बनी एक फिल्म भी प्रधानमंत्री मोदी ने देखी. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की भव्यता का दर्शन करने के लिए रोमानिया और रूस से दर्शक भक्त पहुंचे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का शिलान्यास 08 मार्च 2019 को किया था. एक अध्यादेश के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे परिसर को विशिष्ट क्षेत्र घोषित किया था. इसकी कुल लागत लगभग 900 करोड़ रुपए है. विश्वनाथ धाम में अब मां गंगा भी मौजूद दिखेंगी.

काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की खासियत

• काशी विश्वनाथ कॉरिडोर करीब सवा 5 लाख स्कवायर फीट में बनाया गया है. इसे लगभग 339 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसे बनने में करीब तीन साल लगे हैं.

• बाबा के धाम में अब काशी की वास्तुकला तथा आध्यात्मिक भाव को अभिव्यक्ति देने वाली मेहराबें, बेलबूटेदार दीवारें और स्तंभों के बीच नक्काशीदार प्रस्तर जालियां वास्तु देव के अंग-प्रत्यंग के रूप में अपनी छाप छोड़ रही हैं.

• इस एक परिसर में भक्तों के लिए हर वह सुविधा मुहैया कराई गई है जिसकी आवश्यकता एक सामान्य से सामान्य नागरिक को हो सकती है. विस्तार के दौरान आसपास के भवनों से 27 मंदिर विग्रह प्राप्त हुए. इन सभी को पुरातन भव्यता के साथ जीर्णोद्धार करके एक मणिमाला की तरह पुन: स्थापित किया गया है.

• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ धाम केवल मंदिर ही नहीं यात्री सुविधाओं के नजरिये से भी खास बनाया गया है. पूरा परिसर आनंद-कानन की अनुभूति भी कराएगा. बेल व रुद्राक्ष के पेड़ तो होंगे ही अशोक, नीम व कदंब की भी छाया परिसर में मिलेगी.

• पहले पांच हजार स्क्वायर फीट में बना मंदिर परिसर अब 5 लाख स्क्वायर में फैल गया है. सबसे खास ये है कि पहले गंगा घाट से स्नान कर तंग गलियों से होते हुए मंदिर आना होता था. अब गंगा घाट से विश्वनाथ मंदिर जुड़ गया है.

• विश्वनाथ कॉरिडोर को तीन भागों में बांटा गया है. पहला, मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इसमें चार बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं. इसके चारों तरफ़ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है. उस प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है.

• बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा स्‍नान के बाद धाम के चौक तक पहुंचने के लिए 80 सीढ़िया चढ़नी होंगी. जो सीढ़िया नहीं चढ़ सकते, उनके लिए एस्‍केलेटेर की व्‍यवस्‍था भी है.

• इस भव्य कॉरिडोर में छोटी बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं. इस पूरे कॉरिडोर को 50 हजार वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है. इसके अतिरिक्त इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चर शॉपिंग काम्प्लेक्स, मल्टीपर्पस हॉल, सिटी म्यूजियम और वाराणसी गैलरी जैसी अन्य कई सुविधाएं भी मौजूद हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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