22 जुलाई, 2021 को लोकसभा में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने 'आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021' पेश किया, जिसके माध्यम से आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगे किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार के आंदोलन या हड़ताल में शामिल होने को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया गया है.
लोकसभा में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष द्वारा किये गए हंगामे के बीच सरकार द्वारा यह विधेयक पेश किया गया था.
यह आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक क्या है?
इस आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक का उद्देश्य सरकारी स्वामित्व वाले आयुध कारखानों के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकना है. पूरे देश में लगभग 70,000 लोग 41 आयुध कारखानों में काम करते हैं.
महत्त्व
भारत सरकार के अनुसार, यह आवश्यक है कि रक्षा तैयारियों के लिए सशस्त्र बलों को आयुध वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखी जाए और जिसके लिए इन कारखानों को किसी भी प्रकार के व्यवधान के बिना अपना कार्य निरंतर करना जारी रखना चाहिए.
यह आवश्यक महसूस किया गया कि, सरकार के पास आपातकालीन स्थितियों से निपटने की शक्ति होनी चाहिए और आवश्यक रक्षा सेवाओं के रखरखाव को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
भारतीय आयुध निर्माणी क्या है?
भारतीय आयुध निर्माणी (इंडियन ऑर्डनेन्स फैक्टरीज़) देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा औद्योगिक ढांचा है जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अधीन कार्य करता है.
यह बिल भारत सरकार को क्या करने की अनुमति देता है?
आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021, भारत सरकार को इसमें उल्लिखित सेवाओं को आवश्यक सेवाओं के रूप में घोषित करने की अनुमति देगा.
यह विधेयक किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान या आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाई में तालाबंदी और हड़ताल पर भी रोक लगाएगा.
आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक: भारत सरकार को इसकी आवश्यकता क्यों महसूस हुई है?
केंद्र सरकार ने जून, 2020 में आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण की घोषणा की थी. इसके तहत, सशस्त्र बलों के लिए 41 कारखाने गोला-बारूद और अन्य उपकरण सात सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं का हिस्सा बन जाएंगे.
आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) सीधे रक्षा उत्पादन विभाग के अधीन था और भारत सरकार के एक अंग के रूप में काम करता था. केंद्र ने यह दावा किया है कि, इन फैक्टरियों की दक्षता और जवाबदेही में सुधार के लिए यह फैसला लिया गया है.
केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने इस फैसले की घोषणा करते हुए यह आश्वासन दिया था कि, आयुध निर्माणी बोर्ड के कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी.
15 जून, 2021 को हुई बैठक में कर्मचारियों के मान्यता प्राप्त महासंघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस दिया और सरकार द्वारा सुलह की कार्यवाही विफल रही.
इस बिल से कौन प्रभावित होगा?
आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक का 41 आयुध कारखानों के लगभग 70,000 कर्मचारियों पर सीधा असर पड़ता है. ये कर्मचारी OFB के निगमीकरण से नाखुश हैं और उन्हें डर है कि, इससे उनकी सेवा और सेवानिवृत्ति की स्थिति प्रभावित होगी.
हालांकि रक्षा मंत्री ने यह साफ किया था कि, इस सेवा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
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