प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 क्या है? जानें क्या कहता है यह कानून

May 18, 2022, 11:08 IST

Places of Worship Act: बता दें कि देशभर में इस बीच प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) को लेकर बहस छिड़ी है.

Religious worship act 1991
Religious worship act 1991

Places of Worship Act: उत्तर प्रदेश (यूपी) के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद ने पूजा के स्थान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के विवाद को एक बार फिर से सामने ला दिया है. बता दें कि देशभर में इस बीच प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट (Places of Worship Act) को लेकर बहस छिड़ी है.

वाराणसी की एक स्थानीय अदालत द्वारा 26 अप्रैल को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी मंदिर की वीडियोग्राफी एवं सर्वेक्षण के आदेश के बाद यह सर्वेक्षण कार्य किया गया है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष एवं कई सियासी नेताओं ने मस्जिद के सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई है तथा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 एवं इसकी धारा 4 का हवाला देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है.

प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 क्या है?

पूजा स्थलों की सुरक्षा को लेकर देश में साल 1991 में कानून बनाया गया था. पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम किसी भी धार्मिक स्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने से रोक लगाता है. ये अधिनियम तत्कालीन नरसिम्हा राव की सरकार के समय बनाया गया था. ये अधिनियम किसी भी पूजा स्थल के रूपांतरण पर रोक लगाते हैं तथा किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र के रखरखाव हेतु एक तरह से सुरक्षा प्रदान करते हैं.

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प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का उद्देश्य

पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को बनाने की पीछे की मुख्य वजह अलग-अलग धर्मों के बीच टकराव की स्थिति को टालना था. इस अधिनियम के अनुसार, 15 अगस्त 1947 जैसी स्थिति हर धार्मिक स्थल की रहेगी. इसके अनुसार यदि 15 अगस्त 1947 को कहीं मंदिर है तो वो मंदिर ही रहेगा तथा कहीं मस्जिद है तो वो मस्जिद ही रहेगी. अर्थात ये अधिनियम किसी भी धार्मिक स्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने से प्रतिबंधित करता है.

ये कानून क्यों बनाया गया था?

साल 1990 के दौर में राम मंदिर आंदोलन चरम पर था. राम मंदिर आंदोलन के बढ़ते प्रभाव के कारण अयोध्या के साथ ही कई और मंदिर-मस्जिद विवाद उठने लगे थे. बता दें इन विवादों पर विराम लगाने के लिए ही उस समय की नरसिम्हा राव सरकार ये कानून लेकर आई थी.

 

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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