दिल्ली में यमुना नदी अब तक के अपने उच्चतम स्तर पर बह रही है. जिससे दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया है और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने आज दिल्ली डिज़ास्टर मैनेजमेंट कमेटी की एक बैठक बुलाई है. इसमें मुख्यमंत्री केजरीवाल भी शामिल होंगे.
पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश की वजह से दिल्ली में हालात बिगड़ गए है. दिल्ली क्षेत्र में यमुना नदी का जलस्तर 208.6 मीटर के पार पहुंच गया. दिल्ली के निचले इलाके जलमग्न हो गए है, अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो दिल्ली के अन्य रिहायशी इलाकों में भी पानी भर जायेगा.
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 14, 2023
केजरीवाल ने गृहमंत्री को लिखा पत्र:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की स्थिति को देखते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में आपात बैठक भी बुलाई. साथ ही हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम भी तैनात की गयी है. केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री से पत्र लिखकर हथिनीकुंड बैराज से नियंत्रित गति से पानी छोड़ने का अनुरोध किया है.
साथ ही पत्र में उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और कुछ समय बाद यहां G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन भी किया जाना है. ऐसे हालात से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा.
क्यों बढ़ रहा यमुना का जलस्तर?
पिछले हफ्ते से हो रही लगातार बारिश ने दिल्ली की स्थिति ख़राब कर दी है. उत्तर पश्चिम भारत में शनिवार से भारी हो रही है. दिल्ली में सप्ताहांत में भारी बारिश दर्ज की गई थी, तब से बारिश रुकी हुई है.
यमुना नदी के जलस्तर के बढ़ने का कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से ऊपर की ओर छोड़े गए पानी से निर्धारित होता है. इस बैराज से मॉनसून से इतर अन्य महीनों में आमतौर पर करीब 352 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है लेकिन मंगलवार को वहां से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे यमुना के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गयी.
जलस्तर बढ़ने के यह भी है कारण:
यमुना के जलस्तर के बढ़ने के पीछे नदी के किनारे अतिक्रमण और यमुना में गंदगी के चलते जमें गाद को भी कारण माना जा रहा है. गाद की मात्रा ज्यादा होने से नदी का जलस्तर ऊपर हो जाता है साथ ही गाद के कारण नदी में जल का बहाव भी तेज हो जाता है. वहीं जानकारों का कहना है कि हरियाणा से दिल्ली में पानी पहुचनें में दो से तीन दिन लगते थे जो अब एक दिन में ही पहुंच जा रहा है.
बैराज एक बांध का काम नहीं कर सकता?
एक बांध के विपरीत, एक बैराज पानी का भंडारण नहीं कर सकता है. यह केवल नहरों में छोड़े गए पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है. यह पानी को लंबे समय तक नहीं रोक सकता है. गौरतलब है कि हरियाणा सहित ऊपरी इलाकों में पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.
साल 1978 में बढ़ा था यमुना का जलस्तर:
इससे पहले साल 1978 में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंचा था और दिल्ली में बाढ़ आ गयी थी और काफ़ी नुकसान हुआ था. यमुना नदी का जलस्तर अभी भी खतरें के निशान से ऊपर चल रहा है. जिसके चलते आईटीओ, सिविल लाइन्स, मयूर विहार फेज 1 के निचले इलाकों में पानी भर गया है.
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