संयुक्त राष्ट्र के तहत जलवायु से संबंधित संस्था अंतरराष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने हाल ही में ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन नाम से वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान समय में पृथ्वी के वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई है.
यह रिपोर्ट वर्ष 2018 की प्रतिबद्धताओं पर आधारित है. इसमें विश्व के विभिन्न देशों द्वारा ग्रीन हाउस गैसों को लेकर उठाये गये कदमों, आवश्यकताओं, कमजोरियों तथा आंकड़ों को शामिल किया गया है.
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
• कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड का स्तर पूर्व औद्योगिक स्तर से काफी अधिक और इसमें कमी होने की कोई संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही है.
• कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों में कटौती किये बिना जलवायु परिवर्तन का खतरा तेज़ी से बढ़ता जाएगा और पृथ्वी पर इसका अपरिवर्तनीय प्रभाव पड़ेगा.
• कार्बन डाइऑक्साइड व अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी कटौती नहीं की गई तो जलवायु परिवर्तन का पृथ्वी के जीव-जगत पर विनाशकारी असर होगा.
• वातावरण में मौजूद आवश्यकता से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को हटाने के लिये वर्तमान में कोई प्रभावी उपाय नहीं है.
• कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की मात्रा में भारी कटौती करना ही जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने का एकमात्र रास्ता है.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन
• विश्व मौसम विज्ञान संगठन एक मौसम विज्ञान संगठन है को 23 मार्च 1950 में स्थापित किया गया था.
• यह संगठन पृथ्वी के वायुमंडल की परिस्थिति और व्यवहार, महासागरों के साथ इसके संबंध, मौसम और परिणामस्वरूप जल संसाधनों के वितरण के बारे में जानकारी देने के लिये संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक संस्था है.
• कुल 191 सदस्यों वाले विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय जिनेवा में स्थित है.
ग्रीन हाउस गैसों की स्थिति
कार्बन डाइऑक्साइड: वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 2015 और 2016 की तुलना में 2017 में अधिक हुई है. वर्ष 2017 में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 405.5 पीपीएम वैश्विक औसत पर पहुँच गया, जो औद्योगिक क्रांति से पहले की तुलना में ढाई गुना अधिक है. वर्ष 2016 में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 403.3 पीपीएम और 2015 में 400.1 पीपीएम था.
मीथेन: 2017 में वायुमंडल में मीथेन 1859 पीपीबी (पार्ट प्रति बिलियन) के नए ऊँचे स्तर पर पहुँच गई थी. यह पूर्व-औद्योगिक स्तर से 257 प्रतिशत ज़्यादा है.
नाइट्रस ऑक्साइड: वायुमंडल में नाइट्रस ऑक्साइड का स्तर 2017 में 329.9 पीपीबी रहा. यह पूर्व-औद्योगिक स्तर से 122 प्रतिशत अधिक है.
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