विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 8.3 प्रतिशत पर बरकरार रखते हुए कहा है कि इकोनॉमिक रिवाइवल अभी भी बाकी है. आपको बता दें कि देशभर में फैली कोरोना महामारी की तीसरी लहर में लगाई गई पाबंदियों का असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है.
विश्व बैंक ने साल 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान जताते हुए कहा कि उसका यह आकलन पुनरुद्धार के व्यापक स्तर पर प्रसारित होने की संभावना पर आधारित है. विश्व बैंक ने जून में भी भारत की वृद्धि दर 8.3 फीसदी रहने का ही अनुमान जताया था.
चीन के जीडीपी ग्रोथ रेट
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022 के लिए चीन के जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया. विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के अपने अनुमान को बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत कर दिया है. विश्व बैंक ने हाल ही में जारी ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्टस रिपोर्ट में यह अनुमान जताया.
अर्थव्यवस्थाओं को लेकर अनुमान जारी
विश्व बैंक ने भारत के अतिरिक्त अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, चीन और जापान सहित दुनिया की लगभग सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को लेकर अनुमान जारी किया है. विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं पर जारी अपनी रिपोर्ट में साफ़-साफ़ कहा है कि अर्थव्यवस्था को संपर्क-बहुल सेवाओं की बहाली से लाभ होना चाहिए. इसके अतिरिक्त मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतिगत समर्थन से भी इसे सहायता मिलेगी.
भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट
भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने हाल ही में जारी आंकड़े में देश की विकास दर वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी और संक्रमण रोकने हेतु लगाए गए सख्त लॉकडाउन की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
कोरोना के नए वेरिएंट
आपको बता दें कि कोरोना महामारी के कारण 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने के बाद 2021 में हालात थोड़े ठीक होना शुरू हुए थे, लेकिन फिर से कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है
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