World Braille Day 2021: विश्व ब्रेल दिवस क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?

Jan 5, 2021, 13:44 IST

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विश्व भर में करीब 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है. विश्व ब्रेल दिवस का मुख्य उद्देश्य दृष्टि-बाधित लोगों के अधिकार उन्हें प्रदान करना और ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है.

World Braille Day what is Braille and why is it significant in hindi
World Braille Day what is Braille and why is it significant in hindi

विश्वभर में 04 जनवरी 2021 को अंतरराष्ट्रीय ब्रेल दिवस मनाया गया. प्रति वर्ष विश्व ब्रेल दिवस 04 जनवरी को लुई ब्रेल के जन्मदिन के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, नेत्र रोगों की पहचान, रोकथाम और पुनर्वास विषय पर बातें होती है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विश्व भर में करीब 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है. विश्व ब्रेल दिवस का मुख्य उद्देश्य दृष्टि-बाधित लोगों के अधिकार उन्हें प्रदान करना और ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है.

उद्देश्य

विश्व ब्रेल दिवस को संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु मनाया जाता है. विश्वभर में 04 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय ब्रेल दिवस मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व ब्रेल दिवस के लिए 06 नवम्बर 2018 को प्रस्ताव पारित किया था.

ब्रेल लिपि क्या है?

ब्रेल एक लेखन पद्धति है. यह नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सृजित की गई थी. ब्रेल एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली है. इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है. इसकी संरचना फ्रांसीसी नेत्रहीन शिक्षक और आविष्कारक लुइस ब्रेल ने की थी. इन्हीं के नाम पर इस पद्धति का नाम ब्रेल लिपि रखा गया है.

ब्रेल में उभरे हुए बिंदु होते हैं. इन्हें ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है. कुछ बिन्दुओं पर छोटे उभार होते हैं. इन्हीं दोनों की व्यवस्था और संख्या से भिन्न चरित्रों की विशिष्टता तय की जाती है. ब्रेल की मैपिंग प्रत्येक भाषा में अलग हो सकती है.

इस‍ लिपि में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ छपते हैं. ब्रेल लिपि में कई पुस्तकें भी निकलती हैं.

ब्रेल लिपि से फायदे

ब्रेल लिपि के आविष्कार के बाद विश्वभर में नेत्रहीन, दृष्टिहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन लोगों की जिंदगी बहुत हद तक आसान हो गई. इसकी सहायता से ऐसे कई लोग अपने पैरों पर खड़े हो सके.

लुइस ब्रेल

लुइस ब्रेल का जन्म 04 जनवरी 1809 को फ्रांस के कूपवर में हुआ था. उन्हें दृष्टिबाधित लोगों के लिए ‘ब्रेल लिपि’ का आविष्कार करने हेतु जाना जाता है. साल 1824 में बनी यह लिपि आज विश्व के करीब-करीब सभी देशों में उपयोग में लायी जाती है.

बचपन में एक दुर्घटना के वजह से लुइस ब्रेल ने अपनी दोनों आँखों की रोशनी खो दी थी. ब्रेल को फ़्रांसिसी सेना के चार्ल्स बार्बिएर के सैन्य संचार के प्रणाली के बारे में वर्ष 1821 में ज्ञात हुआ. इस प्रणाली में भी डॉट्स का उपयोग किया जाता था परन्तु चार्ल्स का यह कोड बहुत ही जटिल था.

लुइस बेल ने इसके बाद अपनी लिपि पर कार्य शुरू किया. लुइस ब्रेल ने वर्ष 1824 तक अपनी लिपि को लगभग तैयार कर लिया था. वे  उस समय महज 15 वर्ष के थे. उनके द्वारा बनाई गई लिपि बेहद सरल मानी जाती है. लुइस बेल का 06 जनवरी 1852 को मात्र 43 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.

 

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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